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बीकानेर,चूरू,माना जा रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार की खाट खड़ी करने में कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ बीडी कल्ला सबसे आगे हैं। कला एवं संस्कृति मंत्री के रूप में डॉ बीडी कल्ला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की योजनाओं को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। सभी जानते हैं कि मुख्यमंत्री ने राजस्थानी भाषा की फिल्मों को 2500000 रुपए का अनुदान देने की घोषणा की थी। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फिल्म निर्माताओं द्वारा वर्ष 2022 तक कुल 17 फिल्में अनुदान के लिए कला एवं संस्कृति विभाग में भेजी गई थी। बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि मंत्री बीडी कल्ला ने देखे बिना ही 11 फिल्मों को अनुदान के लिए अपात्र घोषित कर दिया और उन्हें ₹1 का भी अनुदान जारी नहीं किया। मंत्री कल्ला ने लापरवाही की सभी हदें पार करते हुए फिल्म निर्माताओं को प्रीव्यू के दौरान बुलाना तक उचित नहीं समझा। यदि फिल्म निर्माताओं को बुलाया जाता तो डॉक्टर बी डी कल्ला की पोल खुल जाती, इसलिए मंत्री ने मनमर्जी से फैसला करते हुए फिल्मों को अनुदान से वंचित कर दिया। मंत्री द्वारा राजस्थानी सिनेमा के साथ सरासर अन्याय किया गया है। मंत्री कल्ला द्वारा राजस्थानी सिनेमा के साथ किया गया यह अन्याय कांग्रेस सरकार पर भारी पड़ने वाला है। यहां फिल्म निर्माता निर्देशक राजेंद्र सिंह शेखावत ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि मंत्री बीडी कल्ला को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए और यदि वे त्यागपत्र नहीं देते हैं तो मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे मंत्री कल्ला को तुरंत बर्खास्त करें और फिल्म बावळती सहित वंचित रही सभी राजस्थानी फिल्मों को अनुदान राशि जारी करें। शेखावत ने कहा कि यदि सरकार राजस्थानी फिल्म को अनुदान राशि जारी नहीं करती है तो सरकार को अपनी घोषणा वापस ले लेनी चाहिए। कोरी घोषणा करने से राजस्थानी सिनेमा का विकास नहीं होगा। अभी भी समय है यदि मुख्यमंत्री वंचित फिल्मों को अनुदान राशि जारी करते हैं तो कुछ शान रह सकती है। बार-बार अवगत करवा देने के बाद भी मुख्यमंत्री द्वारा कोई एक्शन नहीं लेना, मंत्री कल्ला के साथ मुख्यमंत्री गहलोत को भी कटघरे में खड़ा कर रहा है।

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