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बीकानेर,बीकानेर शहर से सटते रिड़मलसर-नैणों का बास गांवों का रिकॉर्ड खुर्द-बुर्द करने में पटवारियों-गिरदावरों की भूमाफियाओं से मिलीभगत के आरोप तो आए दिन लगते रहते हैं लेकिन शुक्रवार को यह मसला राजस्थान विधानसभा में गूंजा तो नेता प्रतिपक्ष से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक हैरान रह गए। खुद अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा, यह गंभीर मसला है इस पर जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए। मामला लूणरकणसर के विधायक सुमित गोदारा ने उठाया। इस पर राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने माना कि इन गांवों के नक्शे रिकॉर्ड से गायब हो चुके हैं। जो एक पड़ा है उससे कुछ भी पता करना मुश्किल है। पटवारी-गिरदावर सहित कई अधिकारी रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में जहां एक तरफ नए सिरे से रिकॉर्ड तैयार करवाने की कार्यवाही हो रही है वहीं दूसरी ओर पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करवाई है।

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा ने रिडमलसर पुरोहितान व नैनों का बास का राजस्व रिकॉर्ड भू नक्शा लंबे समय से गायब होने का मामला उठाया। गोदारा ने रिकॉर्ड गायब करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने पर भी सवाल उठाया। पूछा-क्या सरकार इस क्षेत्र का रिकॉर्ड, नक्शा फिर से तैयार करेगी।

राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने माना कि ग्राम रिड़मलसर पुरोहितान का मूल राजस्व नक्शा जीर्ण-शीर्ण अवस्था में उपलब्ध है परन्तु यह नक्शा उपयोग की स्थिति में नहीं हैं। ग्राम नैनों का बास का मूल राजस्व नक्शा लगभग 15 वर्षों से गायब है। मंत्री जाट ने माना कि सवाल तो वाजिब है लेकिन बहुत देर से उठाया गया है। इतने सालों तक जनप्रतिनिधियों ने यह सवाल क्यों नहीं उठाया।

मंत्री रामलाल जाट ने कहा, इस मामले में जांच के लिए एफआईआर करवाई गई है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। बीते 15 सालों में इस रिकॉर्ड या काम से जुड़े कई पटवारी, गिरदावर सहित अधिकारी रिटायर हो चुके हैं। दूसरी ओर सुमित गोदारा का आरोप था, यह एफआईआर तब दर्ज करवाई गई जब विधानसभा में सवाल लगाया। इधर सवाल रजिस्टर्ड हुआ, उधर प्रशासन ने एफआईआर करवाई।

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ बोले, इस तरह के गंभीर मामले कभी-कभी सदन के सामने आते हैं । जब 90बी करने के लिए आवेदन किए जाते हैं और उसमें नक्शा दिया जाता है जबकि नक्शा गायब पाया जाता है। यह गंभीर मामला है जिसके पीछे एक संगठित गिरोह है। महाजन फील्ड फायरिंग की जमीनों की बंदरबांट भी इसी तरह हुई थी। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि लूणकरणसर में एक तरह से जमीनों की लूट है जिसमें भू-माफिया व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से खुली लूट मचा रखी है। सरकार गंभीरता से लें और कार्रवाई करें ।

विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी ने इस बहस में हस्तक्षेप करते हुए मंत्री रामलाल जाट को हिदायत दी, इस दिशा में प्राथमिकता से काम करें। उपनिवेशवन व राजस्व विभाग के बीच सामंजस्य नहीं होने की वजह से यह गड़बड़ी की जाती है। इस प्रकरण को गंभीरता से लेवे तथा इस मामले की शीघ्र समाधान का प्रयास करें। तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करें।

खुद मंत्री रामलाल जाट ने माना कि 1996 के बाद से नक्शे नहीं मिले। पटवारी आते गए, जाते गए, वर्ष 2013 तक किसी को ये नहीं मिले। यहां के जनप्रतिनिधियों ने मामला नहीं उठाया। वर्ष 2018 में जब सरकार ने न्याय आपके द्वार अभियान चलाया तो इन गांव वालों ने 29 मई 2018 को बहिष्कार किया। इस बहिष्कार के बाद बीकानेर के जिला कलेक्टर ने 6 जून 2018 को नोटिस जारी किए। मामला सरकार के संज्ञान में आया तो 20 अक्टूबर 2021 को कार्रवाई के आदेश हुए। नए नक्शे बनाने के लिए 8 जुलाई 2022 से कार्रवाई शुरू हुई है। अब डीआईएलआरएमपी योजना में नए सिरे से सर्वे चल रहा है। दो साल मे पूरा रिकॉर्ड-नक्शे तैयार होंगे।

विधायक गोदारा ने सदन में कहा कि क्या कारण रहा कि रिकॉर्ड 15 वर्ष से गायब है और मुकदमा तब होता है जब विधानसभा में मेरे द्वारा प्रश्न लगाया जाता है। बीकानेर शहर के अंदर लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र में ये दोनों गांव आते हैं जिनमें अरबों रुपए की भूमि है। इनमें 90बी भी बिना कागज के करवाई गई। विधायक गोदारा ने उच्चाधिकारियों के खिलाफ सरकार से कार्रवाई करने की मांग सदन में रखी । विधायक सुमित गोदारा ने सदन में कहा कि 1983 में भू राजस्व रिकॉर्ड तैयार किया गया था जो काफी हद तक सही है उसको लागू नहीं किया। उसको लागू किया जाए तो काफी हद तक इस समस्या का समाधान हो सकता है ।

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