बीकानेर, जिले में “पालनहार योजना” के अन्तर्गत शैक्षणिक सत्र -2023-24 के लिए लाभांवित हो रहे 14 हजार 605 बच्चों को वार्षिक भौतिक सत्यापन के बाद ही अगस्त माह 2023 का भुगतान किया जाएगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक एल डी पंवार ने बताया कि माह जुलाई, 2023 की सहायता राशि का बढ़ी हुई दर से अग्रिम भुगतान किया जा चुका है।
अगस्त से पात्र बच्चों का वार्षिक भौतिक सत्यापन या नवीनीकरण करवाने के पश्चात ही भुगतान किया जायेगा ।
उन्होंने बताया कि जिले में अभी तक 1 हजार 984 का ही वार्षिक सत्यापन हुआ है। शेष 12 हजार 621 बच्चे वार्षिक सत्यापन से वंचित है। इसके लिए शाला दर्पण पोर्टल पर आधार नम्बर अपडेट किये गये बच्चों का शाला दर्पण से स्वतः वार्षिक सत्यापन हो जायेगा। उन्हें अलग से सत्यापन करवाने की आवश्यकता नहीं है। जिन बच्चों के आधार नम्बर शाला दर्पण पर अपडेट नहीं है, उनके आधार नम्बर शाला दर्पण पर अपडेट करवाने होंगे। इसके अतिरिक्त एसजेईडी पालनहार स्कीम एप के माध्यम से फेस रिकग्निशन प्रक्रिया के द्वारा शेष रहे पालनहारों याबच्चों का सत्यापन या नवीनीकरण करवाया जा सकता है। जिन पालनहारों या बच्चों का वेबसर्विस -एप के माध्यम से वार्षिक भौतिक सत्यापन या नवीनीकरण करवाया जा सकता है। अध्ययनरत होने का प्रमाण पत्र अपलोड कर अथवा विभाग के ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा कार्यालय में जाकर भी वार्षिक भौतिक सत्यापन करवाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर द्वारा मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को विधालय में अध्ययनरत पालनहार योजना से लाभांवित बच्चों का वार्षिक सत्यापन करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 0-6 वर्ष के बच्चों के वार्षिक सत्यापन करवाए जाने के लिए उपनिदेशक महिला बाल विकास को भी निर्देशित किया गया है।
*यह है योजना*
पालनहार योजना राजस्थान सरकार द्वारा 18 वर्ष तक के विशेष देखभाल एवं संरक्षण वाले बालक- बालिकाओं की विभिन्न श्रेणियों के लिये है। इसके तहत आने वाले बालक – बालिकाओं की देखभाल एवं पालन-पोषण की व्यवस्था परिवार के अंदर किसी निकटतम रिश्तेदार या परिचित व्यक्ति के द्वारा किया जाता है। बालक -बालिकाओं के देखभाल करने वाले को पालनहार कहा गया है। बालक -बालिकाओं के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास को सुनिश्चित करने के लिये सरकार द्वारा मासिक आर्थिक सहायता दी जाती है। जिसके अन्तर्गत पालनहार योजनांतर्गत निराश्रित पेंशन की विधवा माता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के बच्चे, अनाथ बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे, विशेष योग्यजन (दिव्यांग) माता / पिता के बच्चे, तलाकशुदा / परित्यकता महिला के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीडित माता / पिता के बच्चे, एच.आई.वी / एड्स पीड़ित माता / पिता के बच्चे, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता अथवा माता-पिता दोनो में से एक मृत्यु हो चुकी हो व दूसरे को मृत्युदण्ड या आजीवन कारावास की सजा हो चुकी हो के सभी बच्चे, सिलिकोसिस पीड़ित माता-पिता के बच्चे को आर्थिक सहायता दी जाती है।