बीकानेर इन दिनों शहरो में भी मिट्टी के बर्तनों की डिमांड बढ़ने लगी है. लोग अब ज्यादातर मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने का काम कर रहे हैं. अब लोग मिट्टी के बर्तन की खरीदारी भी बाजार में तेज कर दी है.
ऐसे में मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए एक पूरा मोहल्ला लगा हुआ. इस मोहल्ले से पूरे शहर में मिट्टी के बर्तन की सप्लाई होती है. बीकानेर के गंगाशहर स्थित कुम्हारों के मोहल्ले के करीब 500 घर मिट्टी के बर्तन बनाते है. पूरा शहर में इस गली को मटका गली भी कहते है. जहां कई दुकानें बनी हुई है.
दुकानदार भागीरथ कुम्हार ने बताया कि यहां कई वर्षों से लोग मिट्टी के बर्तन बना रहे है. यहां ज्यादातर कुम्हार जाति के लोग ही मिट्टी के बर्तन बनाते है. यह मिट्टी कोलायत से लेकर आते है. पूरे बीकानेर में मिट्टी के बर्तन की सप्लाई इस मोहल्ले से होती है. यहां रोजाना 2 हजार मिट्टी के बर्तन बनते है. वे बताते है कि वे करीब 10 साल से यहां पर मिट्टी के बर्तन बेचने का काम कर रहे है.
मटकी और सरवे हुए महंगे
भागीरथ बताते है कि मिट्टी के बर्तन काफी महंगे हो गए है. यहां अलग अलग साइज के मिट्टी के बर्तन मिलते है. यहां मटकी 50 रुपए से लेकर 90 रुपए तक मिलती है. वहीं सरवे यानी पानी की गिलास 4 रुपए का एक नग मिलता है. वहीं मिट्टी के गमले 30 रुपए से लेकर 120 रुपए तक देते है. वहीं मिट्टी के हांडी भी 30 से 70 रुपए तक मिल रही है.