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बीकानेर,राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राजस्थान विधानसभा के अंतिम सत्र में अपना विशेष संबोधन दिया. इससे पहले गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जयपुर पहुंचीं थीं. जयपुर में 15वीं विधानसभा के 8वें सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राजस्थानी भाषा में बोलते हुए अपना संबोधन शुरू किया. महामहिम ने राजस्थान की पावन धरती को नमन करते हुए बलिदान की धोरां री धरती राजस्थान के निवासियों को घणी शुभकामनाएं दी.

राजस्थान विधानसभा के इतिहास और अतीत को याद करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान की जनता को धन्यवाद दिया. इस दौरान उनके साथ मंच पर राज्यपाल कलराज मिश्र और विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी रहे.

अतिथि देवो भव: का अच्छा उदाहरण है राजस्थान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान की शौर्य और वीरता की भूमि का नमन करते हुए कहा कि यहां कि सभ्यता और संस्कृति के हर आयाम में राजस्थान की परंपरा समृद्ध हो रही है. अतिथि देवो भव के आदर्श उदाहरण देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अतिथि को देवता समझने का सबसे अच्छा उदाहरण राजस्थान है. जहां यहां के लोगों के मधुर व्यवहार के चलते देश-विदेश के लोग यहां आते रहते हैं.

*राजस्थान के इतिहास को किया याद*

राजस्थान विधानसभा के 71 वर्षों के गौरवशाली इतिहास पूरा होने पर राष्ट्रपति मुर्मू राजस्थान की जनता को धन्यवाद दिया. वहीं राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह राजस्थान के लिए गौरव की बात है कि वर्तमान में लोकसभा और राज्यसभा की अधय्क्षता विधानसभा के पूर्व सदस्यों के द्वारा की जा रही है. राष्ट्रपति मुर्मू ने जैसलमेर के रेगिस्तान से लेकर सिरोही के माउंट आबू, उदयपुर के झीलों तथा रणथंभौर के आंचल में प्रकृति की इंद्रधनुष छटा का ज्रिक किया. साथ ही जयपुर को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का दर्जा देने का भी अपने भाषण में ज्रिक किया.

खाटू श्याम मंदिर पहुंची महामहिम

अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रसिद्ध बाबा श्याम के मंदिर में दर्शन करने के लिए खाटू पहुंच गई हैं. सांसद सुमेधानंद सरस्वती कलेक्टर एसपी और श्याम मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों ने हेलीपेड पर राष्ट्रपति का स्वागत किया. अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बाबा श्याम के दर्शन कर आरती करेंगी. इसके अलावा राष्ट्रपति का प्रसाद ग्रहण का कार्यक्रम भी मंदिर में ही रहेगा.

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