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बीकानेर,राज्य सरकार की कायदे बीकानेर पहुंचते पहुंचते कैसे दम तोड़ देती है..पेश है इसकी बानगी।गजनेर रोड़ एमएस कॉलेज पुलिया से नीचे उतरते ही मुख्य सड़क पर कियोस्क बनवाए गए। ताकि कम पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक छोटे-मोटे धंधे कर अपना रोजगार चला सके। लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों की शह पर शराब माफियाओं ने दो कियोस्क तोड़कर उसे शराब की दुकान में तब्दील कर डाला। बीकानेर आबकारी, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग का कौनसा अधिकारी है जो इस शराब ठेके के सामने से नहीं गुजरता हो लेकिन सब के सब चुप । उपर से लेकर नीचे तक किसी भी अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जो यह दर्शाने के लिए पर्याप्त है कि बीकानेर में किस कदर नियम-कायदों की धज्जियां उड़ रही हैं। जंगलराज होने से अधिकारी मुट्ठी गर्म कर चले जाते. हैं। पूरे राज्य में भले शराब की दुकानें रात 8 बजे बंद हो जाती हो लेकिन, बीकानेर में आप पूरी रात मयखोरी’ कर सकते है। यहां शराब की दुकानें देर रात तक खुली रहती हैं। दुकानदारों ने ऐसे-ऐसे जुगाड़ कर रखे हैं कि आम आदमी हैरत में पड़ जाए। कहीं दुकानदारों ने पाइप लगा रखें है तो कहीं दुकानों के शटर के नीचे शराब बेचने के लिए जगह बना रखी है। शटर के नीचे से पैसे डालों तो शराब की बोतल बाहर आ जाएगी। सवाल यह उठता है कि आम आदमी को यह सब दिखता है तो अधिकारियों को क्यों नहीं?

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