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बीकानेर,राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है जहां लोगों को स्वास्थ्य देखभाल के अधिकार की गारंटी दी जाएगी. इस संबंध में स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 21 मार्च को विधानसभा द्वारा पारित किया गया था और राज्यपाल कलराज मिश्र की मंजूरी के बाद यह एक्ट बन गया.

सीएम अशोक गहलोत के निर्देश पर मंगलवार को इसके लिए नियम तैयार करने के लिए एक कमेटी का गठन भी कर दिया गया. यानी बहुत जल्द यह नियम बनकर तैयार होने जा रहा है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य विधानसभा द्वारा पारित स्वास्थ्य का अधिकार अधिनियम-2022 के कार्यान्वयन के लिए नियम बनाने के लिए जारी निर्देशों के अनुसार एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है.

कौन-कौन हैं इस कमेटी के सदस्य?

अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) शुभ्रा सिंह ने कहा कि समिति सभी हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा करने के बाद, उनके द्वारा दिए गए उपयोगी सुझावों सहित अपनी सिफारिशें राज्य सरकार को भेजेगी. सिंह ने कहा कि इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलीरी साइंसेज (नई दिल्ली) के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) एसके सरीन कमेटी के अध्यक्ष होंगे.

प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) टी रविकांत, राजस्थान राज्य स्वास्थ्य आश्वासन एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुचि त्यागी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक जितेंद्र कुमार सोनी, आरयूएचएस के कुलपति सुधीर भंडारी और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजीव बाघरहट्टा सदस्य होंगे और वित्त विभाग और कानून विभाग से एक-एक व्यक्ति भी पैनल का हिस्सा होगा.

देश का पहला ऐसा राज्य बना राजस्थान

निदेशक (सार्वजनिक स्वास्थ्य) डॉ. रवि प्रकाश माथुर समिति के सदस्य सचिव होंगे. स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 21 मार्च को विधानसभा द्वारा पारित किया गया था. यह विधेयक पारित करके अपने निवासियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल के अधिकार की गारंटी देने वाला भारत का पहला राज्य है और राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा 12 अप्रैल को अपनी मंजूरी देने के बाद यह एक अधिनियम बन गया है.

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