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बीकानेर,मेघासर की बेटी हिना मेघवाल का उपचार के दौरान अशोका हॉस्पिटल बीकानेर में हुई मौत के बाद परिजनों से जिला प्रशासन के समझौते के अनुसार मेडिकल बोर्ड गठन कर वीडियोग्राफी व जिला प्रशासन की कमेटी गठित की गई दिनांक 26 जून की पोस्टमार्टम रिपोर्ट 13 दिन बाद दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के संबंध में 5 दिन पूर्व अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन से मुलाकात की तो एडीएम ने कहां की रिपोर्ट जिला कलेक्टर महोदय के पास है और साथ में यह कहा कि 8 तारीख तक प्रशासन व्यस्त है उसके बाद रिपोर्ट आपको दे दी जाएगी इस संबंध में आज प्रातः 11 बजे परिजनों ने जिला कलेक्टर से मुलाकात की तब कलेक्टर ने कहा कि रिपोर्ट तो आ गई परंतु हस्ताक्षर नहीं है इसलिए डॉक्टरों को बुलाया गया है हस्ताक्षर के लिए यह बात सभी को समझ नहीं आई क्योंकि बगैर हस्ताक्षर कोई रिपोर्ट नहीं आती। जिला कलेक्टर महोदय ने परिजनों से कहा शाम को 6:00 बजे आके रिपोर्ट ले जाना परिजन शाम को 6:00 बजे कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए ओर मुझे भी वहा बुलाया । कलेक्टर महोदय परिजनों से नहीं मिले और स्टाफ से यह कहलवाया कि डॉक्टर आने वाले हैं आने के बाद आपको रिपोर्ट दे देंगे 6:00 से रात्रि 10:00 बजे तक परिजन कलेक्टर परिसर में बैठे रहे कोई डॉक्टर नहीं आया और बार-बार स्टाफ से पूछा तो कलेक्टर महोदय ने यही कहा की थोड़ी देर रुको डॉक्टर आ रहे हैं फिर रात्रि 10:00 कोई डॉक्टर नहीं आया और पुलिस को बुलाकर परिजनों को टॉर्चर करने का प्रयास किया बाद में देखा की परिजन जस के तस हैं तब कलेक्टर साहब बाहर आ गए और कहा रिपोर्ट ले लो। इस सब बात से यह लग रहा है कि कुछ ना कुछ गड़बड़ हुई है कोई ना कोई जिला कलेक्टर पर प्रेशर था। परिजन इस रिपोर्ट पर संतुष्ट नहीं है क्योंकि जिस तरह जानबूझकर रिपोर्ट को लेट किया गया और किसी दबाव में रिपोर्ट को बदला गया। जब एडीएम प्रशासन ने 5 दिन पहले कहां की रिपोर्ट कलेक्टर के पास है और कलेक्टर साहब ने यह कहा की हस्ताक्षर नहीं है बात समझ से परे , कोई भी रिपोर्ट हॉस्पिटल से आती है तो हस्ताक्षर सहित क्रमांक नंबर वह दिनांक लग कर आती है। परिजन मायूस होकर न्याय के लिए सीआईडी सीबी से जांच करवाने के लिए मानस बना चुके हैं जो भी दोषी है उनको सजा दिलाना ही परिजनों का मकसद है।

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