बीकानेर,साहित्यिक सांस्कृतिक नवोन्मेष के लिए नवगठित मंच “वैखरी” द्वारा प्रारंभ की जा रही व्यास व्याख्यान माला का “मुहूर्त व्याख्यान” आषाढ़ शुक्ल चतुर्दशी २०८० तदनुसार रविवार 2 जुलाई, 2023 को स्थानीय होटल राजमहल में संपन्न हुआ. संस्था की सचिव इंजी. आशा शर्मा ने बताया कि प्रति वर्ष आयोजित की जाने वाली इस शृंखला का प्रथम व्याख्यान “साहित्य का विधान” विषय पर आयोजित किया गया था.
विषय पर अपनी बात रखते हुए मुख्य अतिथि कवि, कथाकार, संपादक एवं पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हेमंत शेष ने कहा कि हर रचना अपनी विधा स्वयं तय करती है. हर रचनाकार शिल्प के माध्यम से ही अपनी मौलिकता प्रकट करता है अन्यथा विषय तो वही रहता है। अध्यक्षीय उद्बोधन में लालेश्वर महादेव शिव मठ के अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानंदगिरि महाराज ने कहा कि साहित्य कर्म में रत हुए बिना साहित्य के रस का आनंद नहीं लिया जा सकता. स्वामी जी ने अपने विद्वत्तापूर्ण उद्बोधन में साहित्य, संस्कृति और समाज के अंतर्संबंधों की व्याख्या की।
कवि, आलोचक एवं संपादक तथा संस्था के संरक्षक डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष ने संस्था के गठन के उद्देश्य तथा इसके आगमी कार्यों की विस्तृत जानकारी दी. संस्था सचिव आशा शर्मा द्वारा प्रति वर्ष आयोजित किए जाने वाले गोवर्धन लाल चौमाल कहानी पुरस्कार के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि शीघ्र ही पुरस्कार हेतु विज्ञप्ति जारी कर अखिल भारतीय स्तर पर कहानी संग्रह आमंत्रित किए जायेंगे तथा निर्णायकों द्वारा चयनित कहानी संग्रह के लेखक को स्वर्गीय श्री गोवर्धन लाल चौमाल की स्मृति में उनकी पुण्य तिथि 25 दिसंबर पर आयोजित किए जाने वाले मुख्य समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा. पुरस्कार की राशि 11,000 रुपए निश्चित की गई है. वैखरी के अध्यक्ष डॉ. विवेकानंद चौमाल ने सभी आगंतुक अतिथियों को धन्यवाद देते हुए अतिथियों को इंजी. आशा शर्मा का साहित्य भेट किया। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार संजय पुरोहित ने किया। इस अवसर पर संस्था के उपाध्यक्ष शुभम गौड़ तथा सह सचिव कृष्ण कुमार शर्मा भी उपस्थित रहे.
कार्यक्रम में नंदकिशोर आचार्य, अनिरुद्ध उमट, दीपचंद सांखला, मधु आचार्य आशावादी, कमल रंगा, राजेंद्र पी जोशी, डॉ. ब्रजरतन जोशी, रवि पुरोहित, डॉ. अन्नाराम शर्मा, डॉ. अजय जोशी, हरीश बी शर्मा, मोनिका गौड़, नवनीत पाण्डे, नीरज दैया, निर्मल शर्मा, हेम शर्मा, अखिलानंद पाठक, मूलचंद बोहरा, डॉ. एस एन हर्ष, डॉ. बसंती हर्ष, योगेंद्र भाटी, नीलम पारीक, मनीषा आर्य सोनी, राजाराम स्वर्णकार, बाबूलाल छंगाणी, कासिम बीकानेरी, असद अली असद, इंद्रजीत कौशिक, कृष्णा आचार्य, सुमन ओझा, डॉ. कौशल्या नाई, डॉ. बृजनंदन श्रृंगी, बनवारी लाल शर्मा, मनोज पारीक, इंदिरा व्यास, शिव कुमार आर्य, लक्ष्मी नारायण जोशी, मो. रमजान अब्बासी, चोरूलाल सुधार, ज्योति वधवा, हरिकिशन व्यास, जुगल पुरोहित, डॉ. कृष्ण लाल बिश्नोई, डॉ. अरुण कुमार शर्मा, मुकेश पोपली एवं विकास पारीक सहित प्रतिष्ठित साहित्यकारों, साहित्य अनुरागियों तथा बुद्धिजीवियों सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने सहभागिता की.