बीकानेर शहर में कामकाजी महिलाओं व स्कूल-कॉलेज जाने वाली युवतियों के लिए राहत की खबर है। जिला पुलिस महिलाओं-युवतियों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने के साथ-साथ एक विशेष मोबाइल एप तैयार कर रही है, जिससे पीडि़ता को चंद मिनटों में पुलिस की मदद मिल सकेगी।
बीकानेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश एवं पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम महिला सुरक्षा पर काम कर रहे हैं। एप बनाने के लिए विशेषज्ञ की मदद ली जा रही है। यह विशेष प्रकार का एप एसओएस फीयर या पैनिक बटन से लैस होगा। संकट की िस्थति में बटन दबाते ही पीडि़ता के पास चंद मिनटों में पुलिस सहायता के लिए पहुंच जाएगी।
पुलिस जो एप बनवा रही है, वह बेहद स्मार्ट होगा। इस एप को महिलाएं, युवतियां, बुजुर्ग व बच्चे राजस्थान पुलिस सिटीजन कॉप से डाउनलोड कर सकेंगे। एप में घटना की सूचना दी जा सकेगी। घटना की लिखित सूचना, फोटो, ऑडियो या वीडियो भेज सकेंगे। सूचना देने वाली महिलाओं व युवतियों की पहचान गुप्त रखी जाएगी। साथ ही महिलाएं व युवतियां मेरी मदद करो कॉलम में अपने चार नजदीकी रिश्तेदारों का नंबर सुरक्षित कर सकेंगे, ताकि संकट की िस्थति में पुलिस के साथ-साथ उन चारों नंबर पर भी उनका मैसेज चला जाएगा।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस एप में जहां से पीडि़ता मदद के लिए गुहार लगा रही है, उसके आसपास के पुलिस स्टेशन, बस स्टैड, हॉस्पिटल, बैंक, एटीएम, थियेटर एवं रेस्टोरेंट की जानकारी मिल सकेगी। यह हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में काम करेगा। यह एप जीपीएस व इंटरनेट सिस्टम पर आधारित होगा। सबसे पहले अभय कमांड सेंटर व संबंधित नजदीकी थाने को सूचना मिलेगी। दो-तीन घंटे के दरम्यान कोई कार्रवाई नहीं होने पर आईजी व पुलिस अधीक्षक को अलर्ट मैसेज मिलेगा। एप के माध्यम से घरेलू हिंसा, छेड़खानी, फोन पर छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न (घर, कार्यालय व सार्वजनिक स्थान), दहेज प्रताड़ना, मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना, लड़ाई-झगड़ा, चोरी, अपहरण आदि की सूचना के साथ-साथ फोटो, ऑडियो व वीडियो रिकॉर्डिंग भेजी जा सकेगी। महिला सुरक्षा सॉफ्टवेयर तैयार करवा रहे हैं, जिस पर अभी काम चल रहा है। यह एप तैयार होने के बाद कामकाजी महिलाएं व युवतियां खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी। वे किसी भी समय आपातिस्थति में पुलिस की मदद ले सकेंगी।