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बीकानेर / राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर में हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि डॉ. जगदीश राणे निदेशक, केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर थें तथा हिन्दी कार्यशाला के मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार कवि -कथाकार राजेन्द्र जोशी थें तथा समारोह की अध्यक्षता केंद्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ. शरदचंद्र मेहता ने की।

मुख्य अतिथि डॉक्टर जगदीश राणे ने कहा हिंदी भाषा हमारे जीवन में आगे बढ़ने के लिए सीढ़ी की तरह मुख्य आधार है जबकी अँग्रेजी भाषा रेलिंग की तरह का एक सहारा है जिसे आप सहारे के रूप में प्रयोग कर आगे बढ़ते हैं । डॉ राणे ने बताया की उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत कन्नड मातृभाषा से की लेकिन इस जीवन में उन्होंने स्पेनिश, इटालियन, जर्मन, कोंकणी, हिंदी एवं अन्य भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया एवं अनुसंधान के कार्य किए । उन्होंने बताया की कार्य की आवश्यकता ने उनको यह भाषाएँ सिखने के लिए प्रेरित किया । कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए केन्द्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ एस सी मेहता ने केंद्र की अनुसंधान गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के प्रयासों की जानकारी दी । उन्होंने बीकानेर शहर के प्रबुद्धजनों द्वारा हिंदी भाषा में किए जारहे साहित्य सृजन की प्रसंशा की एवं कहा कि इस तरह जन सहभागिता से ही हम हर लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर सकते हैं चाहे वह हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का लक्ष्य ही क्यों न हो । इस अवसर पर मुख्य हिंदी विषय विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित साहित्यकार, शिक्षाविद एवं कवि श्री राजेन्द्र जोशी ने हिंदी एवं जन सहभागिता विषय पर अपना व्याख्यान दिया एवं बताया की बिना जन सहभागिता एवं बिना हिंदी के अनुसंधान आर्य प्रयोगशालाओं से बाहर अपना अस्तित्व नहीं बना सकते । उन्होंने सभी तरह की अनुसंधान गतिविधियों की जानकारी हिंदी में भी प्रकाशित करने पर बल दिया एवं इच्छा जाहिर की एक दिन ऐसा आये जन प्रश्न पत्र हिंदी में बने एवं उनका अंग्रजी में रूपांतरण किया जाय । उन्होंने बीकानेर शहर की तरफ से दोनों संस्थानों को पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया । इस कार्यशाला में मुक्ति संस्थान के विष्णु दत्त ने भी भाग लिया । कार्यशाला का संयोजन केंद्र के राजभाषा अधिकारी श्री बृजलाल ने किया एवं कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारीयों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया । धन्यवाद प्रस्ताव श्री कमल सिंह ने दिया ।

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