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बीकानेर, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर एवं इंडियन रेड क्रास सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में 26 जून को विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास निदेशालय के सभागार में नशा मुक्ति जागरूकता अभियान चलाया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में कार्यकारी छात्र कल्याण निदेशक डॉ. दाताराम कुम्हार ने बताया कि नशीली चीजें और पदार्थों के निवारण के लिए प्रति वर्ष 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को नशे की बुरी लत से छुटकारा दिलाना तथा उन्हें नशे से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाना है। सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ मंजु राठौड़ ने कहा कि मनोरंजन को आधार बनाकर शुरू किया गया नशा कब लत बन जाती है पता ही नहीं चलता और जब दुष्परिणाम सामने आने लगते हैं तो छोड़ना चाहते हुए भी लत नहीं छूटती। इस अवसर पर अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, ड़ॉ आई. पी. सिंह ने कहा कि गुटका, शराब, सिगरेट आदि नशा युवाओं में ज्यादा प्रचलित है जो धीरे-धीरे शरीर को खोखला करते हैं। युवा इनसे दूर रहें तथा अपने साथियों को भी दूर रखें। सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. विमला डुकवाल ने कहा कि युवा भारत की दिशा और दशा बदलने में सक्षम हैं परंतु इन्हें नकारात्मक नशे से बचना होगा।नकारात्मक नशा उदासीनता, चोरी और अवैध गतिविधियों की ओर धकेलता है। इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के वाइस प्रेसिडेंट विजय खत्री ने इस अवसर पर कहा कि हमसे द्वेष रखने वाले हमारे पडौसी देश नशीली दवाईयों के जरिए युवा पीढ़ी को नकारात्मक दिशा में धकेलने का प्रयास कर रहे हैं। हमें उनकी इस गंदी हरकत को समय रहते समझना चाहिए ताकि भविष्य में पछताना ना पड़े। उन्होंने विद्यार्थियों से प्रण लिया कि वे नशे से दूर रहेंगे। अनुसंधान निदेशक डॉ. पी. एस. शेखावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि नशीली दवाओं के सेवन से आत्मबल कमजोर होता है गुस्सा करना, झगड़े करना, काम से जी चुराना, परिवारजनों के बीच में कम बैठना, कर्ज बढ़ना आदि नशे के दुष्प्रभाव हैं। कार्यक्रम में डॉ. सत्यवीर मीणा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए छात्रों को अपने सुखी जीवन के लिए नशे से दूर रहने का आव्हान किया।

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