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बीकानेर,राजस्थानी व हिंदी की चार पुस्तकों- आठवीं कुण (राज.उपन्यास), मदार के फूल (हिंदी कहानी संग्रह), हिलोर (राज काव्य संग्रह), मन मानस (हिंदी गीति काव्य) के लोकार्पण महोत्सव की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार एवं राजस्थान साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर के अध्यक्ष श्री शिवराज छंगाणी ने कहा कि लेखिका का रचनाकर्म नवांकुरों को दिशा देता है । मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ शारदा कृष्ण ने काव्य संग्रह और राजस्थानी उपन्यास की सराहना की । मुख्य वक्ता व सानिध्य वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार, रंगकर्मी व सदस्य ‘संगीत नाटक अकादमी’ मधु आचार्य आशावादी ने कहा कि महिला रचनाकर्मी की एक साथ चार पुस्तकें आना बहुत मायने रखती है । स्वामी संवित विमर्शानंद जी ने मनीषा के रचनाकर्म को गागर में सागर भर देने वाली बात कही। विशिष्ट अतिथि साहित्यकार श्री रवि पुरोहित,अखिल भारतीय श्री ब्राह्मण स्वर्णकार महासभा अध्यक्ष श्री दौलतराम जी महेचा, अखिल भारतीय श्री ब्राह्मण स्वर्णकार समाज सेवा संस्थान अध्यक्ष श्री रामचंद्र जी लाडनवाल ने मनीषा के रचनाकर्म को सराहा।
“आठवीं कुण” राजस्थानी उपन्यास पर श्रीमती अनुपम पांडे, मदार के फूल हिंदी कहानी संग्रह पर कथाकार व कवि श्री संजय पुरोहित, हिलोर राजस्थानी काव्य संग्रह पर राजस्थानी भाषा के कवि विप्लव व्यास तथा हिंदी गीति काव्य मन मानस पर कवि श्री सुरेश सोनी ने सारगर्भित विचार रखे। मनीषा आर्य सोनी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर बात डॉ कृष्णा आचार्य ने गद्य में एवं राजाराम स्वर्णकार ने पद्य में विचार रखे ।
कार्यक्रम का संचालन व्यंग्य एवं विनोद के कवि श्री बाबूलाल छंगाणी द्वारा किया गया। कार्यक्रम सहयोगी व व्यवस्थापक श्री कैलाश टाक थे।आभार श्री मधुसूदन सोनी द्वारा ज्ञापित किया गया। समारोह में विभिन्न संस्थाओं द्वारा लेखिका का सम्मान किया गया । शहर के गणमान्यजनों ने गर्मी के बावजूद उपस्थित रहकर कार्यक्रम को सफल बनाया ।

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