बीकानेर,लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम या ऑन लाइन ठगी के मामलों मे हर दिन नए-नए हथकंडे सामने आ रहे हैं। लोग इनकी चपेट में आकर अपना नुकसान कर लेते हैं। कई बार ऐसा होता है कि इससे बचना भी बहुत मुश्किल होता है। ऐसा ही एक मामला बीकानेर में सामने आया है। यह मामला बीकानेर के एक ट्रांसपोर्टर से जुड़ा है जिसे एक शख्स ने मिलिट्री मैन बनकर सामान शिफ्ट करने के बहाने ठग लिया। अब पुलिस शिकायत के आधार पर इस ठग का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
मिलिट्री एरिया में एंट्री कार्ड से लेकर कैंटीन कार्ड तक भेजा :
ट्रांसपोर्टर के पास एक फोन आया जिसमें बीकानेर के मिलिट्री एरिया से आगरा सामान शिफ्ट करने की बात कही। सामान का फोटो भेजा। किराया तय किया। सामान उठाने की जगह उदासर के पास बीकानेर मिलिट्री एरिया बताई। सिविल गाड़ी को बगैर परमिशन एंट्री नहीं है। ऐसे में गाड़ी के नंबर पूछे। ड्राइवर का मोबाइल नंबर लिया। एंट्री कार्ड बनाकर ऑनलाइन भेजा। अपना मिलिट्री कैंटीन पहचान कार्ड भेजा।क्यूआर कोड पूछा, 10 रूपए भेजे और खाता साफ :
ऑन लाइन पेमेंट के लिए क्यूआर कोड पूछा। वैरिफिकेशन के लिए अकाउंट में 10 रूपए डालकर पूछा, क्या इसी अकाउंट में पैसे जमा करवाने हैं। हां, कहते ही कुछ देर बाद खातें में मौजूद पैसे उठाने शुरू कर दिए।
मिलिट्री एरिया के गेट पर पहुंचे तब पता चला, सारे कार्ड फर्जी :
ट्रांसपोर्टर गाड़ी लेकर मिलिट्री एरिया के गेट पर पहुंचे और एंट्री के लिए कार्ड दिखाया तब पता चला कि एंट्री के लिए यहां ऐसा कार्ड बनता ही नहीं है। सामान शिफ्ट करने की बात बताते हुए जब मिलिट्री कैंटीन कार्ड बताया तब पता चला कि वह भी फर्जी है। कोतवाली पुलिस थाना अधिकारी संजयसिंह राठौड़ मानते हैं कि शिकायत मिली है। इस पर जांच कर रहे हैं।समय पर पता चले तो पुलिस कर लेती है रिकवरी :
बीकानेर में ही ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब समय पर पता चल जाए तो पुलिस पैसे की रिकवरी तक कर लेती है। ऐसे में इस मामले में भी छानबीन शुरू हो गई है। पुलिस अधिकारियों को उम्मीद है कि वे इसमें भी रिकवरी कर लेंगे।
जानिये राजस्थान में कितने बढ़ गए हैं साइबर अपराध :
6620 मामले में साइबर क्राइम के चार साल में सामने आए।
1901 मामलों में चालान।
760 केस पेंडिंग
10 को सजा
904 मामलों में कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई।
बीकानेर में इतने केस:
86 मामले चार साल में दर्ज।
48 मामलो में चालान।
04 मामले पैंडिंग।
23 में गिरफ्तारी नहीं हुई।
अब तक किसी को सजा नहीं।