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बीकानेर,अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान (उच्च शिक्षा) ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर राजकीय कृषि महाविद्यालय चिमनपुरा में कृषि संकाय के सभी 14 स्थाई पदों को समाप्त करने का पुरजोर विरोध किया है।

संगठन महामंत्री प्रो. सुशील कुमार बिस्सू ने बताया कि 16 जून 2023 को शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार ने आदेश प्रसारित कर चिमनपुरा के विज्ञान महाविद्यालय में संचालित कृषि संकाय को पृथक राजकीय कृषि महाविद्यालय बनाया है । इस आदेश से पूर्व कृषि संकाय के स्थाई 14 पदों को समाप्त कर उनके स्थान पर 13 पद नवीन कृषि महाविद्यालय में राजसेस सोसाइटी के अधीन सृजित किये हैं। उन्होंने बताया कि राजसेस सोसाइटी के तहत संचालित लगभग 280 से अधिक महाविद्यालयो में आज तक कोई नियुक्ति नहीं की गई है। सोसाइटी से संचालित होने पर चिमनपुरा मे लगभग 40 वर्षो से संचालित कृषि पाठ्यक्रम भी शिक्षक विहीन हो जाएगा एवं इसकी आईसीएआर मान्यता पर भी तलवार लटक जाएगी।

प्रो. बिस्सू ने रोष व्यक्त करते हुए चिमनपुरा में कृषि संकाय के स्थाई पदों को समाप्त कर उन पदों को राजसेस सोसाइटी के तहत सृजन करने के राज्य सरकार के इस आदेश को भविष्य मे उच्च शिक्षा के स्थाई पदों को संविदा आधारित पदों मे बदलकर उच्च शिक्षा के कैडर को समाप्त करने का संकेत बताया।

संगठन अध्यक्ष प्रो. दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि संगठन लगातार मुख्यमंत्री जी को पत्र लिख कर सोसाइटी मोड पर महाविद्यालयों के संचालन की योजना से उच्च शिक्षा से जुड़े हितधारको की नाराजगी और आशंका से अवगत करवाता आ रहा है । संगठन ने अपने पत्रों के द्वारा राज्य की उच्च शिक्षा को संविदा आधार पर सोसाइटी मोड में चलाने से न केवल प्रतिभाशाली युवाओं, जो सहायक आचार्य पद की योग्यता रखते हैं, के कैरियर को विपरीत रूप से प्रभावित करेगा, बल्कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्य को भी बुरी तरह प्रभावित करेगा।

संगठन ने महाविद्यालय शिक्षा में दो अलग-अलग कैडर, एक स्थाई और दूसरा सोसाइटी मोड में संविदा पर शिक्षक, उच्च शिक्षा संस्थानों में एक रचनात्मक और सहयोगी वातावरण के लिए सर्वथा अनुचित होगा। प्रो. शर्मा ने बताया कि संगठन ने अपने सभी पत्रों मे सोसाइटी मोड़ की योजना आने पर, धीरे-धीरे स्थाई पदों को सरकार समाप्त करने की आशंका व्यक्त की थी। संगठन की आशंका को चिमनपुरा महाविद्यालय में 14 स्थाई पदों को समाप्त करने के आदेश ने वास्तविकता में बदल दिया है ।

संगठन ने मुख्यमंत्री से उच्च शिक्षा के हितधारकों की भावनाओं को समझने एवं इन पदों को बहाल करते हुए सोसाइटी मोड़ पर महाविद्यालयों के संचालन की योजना पर पुनर्विचार कर उच्च शिक्षा के भविष्य की रक्षा की मांग की है।

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