बीकानेर,श्री मुरली मनोहर धोरा भीनासर में संतो के सानिध्य में पिछले कई सालों से बच्चों को गीता जी सिखाई जाती हैं जिसके तहत अब तक 25 से अधिक बच्चों ने गीता जी के 18 अध्याय याद कर लिए है। बच्चों को साईकिले मिली जिनका नाम रितेश गहलोत, राधे श्याम प्रजापत, ऋषि सोनी है।
श्री मुरली मनोहर धोरे से जुड़े शिव गहलोत ने कहा कि गर्मी की छुट्टी मैं अलग अलग तरह के समर कैंप लगते हैं मगर असली सीखने का कार्य यही है। बच्चों में धर्म व संस्कृति के प्रति जागरूक होना अति आवश्यक है। आज मोबाइल के युग में बच्चों की मानसिक व आध्यात्मिक उन्नति के लिए गीता जी का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
संत श्री किशन दास महाराज ने कहा कि धोरे पर लोगों की बहुत आस्था है अतः दूर-दूर से लोग दर्शन के लिये आते रहते है।
संत श्री श्याम सुंदर जी महाराज ने कहा की परम पूज्य स्वामी श्री राम सुखदास जी महाराज की प्रेरणा से मुरली मनोहर धोरे पर गीता रूपी ज्ञान की गंगा बह रही हैं जिसका हम सभी को लाभ लेना चाहियें।
अमित अग्रवाल ने कहा कि धोरे पर हर रविवार को सुबह 9:30 से 12:30 तक गीता जी की क्लास लगती है यहाँ पर गीताजी सीखने आने वाले बच्चों को लाने-लेजाने की निःशुल्क व्यवस्था की हुई है व बच्चों के नाश्ते की व्यवस्था हैं। 9 अध्याय याद होने पर 50 ग्राम चांदी का मैडल दिया जाता है तथा बच्चों को हर अध्याय याद होने पर उपहार भी दिया जाता है। अभी बच्चों को छुट्टीया होने के कारण 1000 से अधिक बच्चें इसका लाभ ले रहे है।
मुकेश अग्रवाल ने अनुसार मुरली मनोहर धोरे पर गाय, ग़ोचर, गंगा, गीता व गीताप्रेस जैसे दिव्य संगम एक साथ सिर्फ मुरली मनोहर धोरे पर ही मिलेगा।
इस पुनीत मिशन में दुर्गा प्रसाद मिमानी, रामकिशन डागा,रामप्रसाद मिमानी, गिरिराज मिमानी, तारा देवी सोनार, कैलाश सोलंकी आदि अनेक लोग जुड़े हुवे है।