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बीकानेर,श्रीकोलायत में जिप्सम, बजरी और क्ले का अवैध खनन और रॉयल्टी वसूली के खिलाफ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल की हुंकार रैली, हल्ला बोल के बाद बीकानर कलेक्ट्रेट का घेराव और प्रशासन के साथ वार्ता चिंतनीय बात है। वार्ता में प्रशासन की ओर से मांगों पर कार्रवाई के आश्वासन से राजस्थान में जनहित में अच्छा काम कर रही गहलोत सरकार व श्रीकोलायत में विकास की गंगा बहाने वाले मंत्री भंवर सिंह पर कलंक जैसा है। गहलोत सरकार के मंत्री भंवर सिंह भाटी पर आरएलडी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने अवैध खनन, रॉयल्टी वसूली का आरोप लगाया है और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बेनीवाल ने यह भी कहा है कि भाटी के साथ कांग्रेस के नेताओं की मिली भगत है। श्रीकोलायत में भाटी के खिलाफ हल्ला बोल, हुंकार रैली, बीकानेर कलेक्ट्री का घेराव और वार्ता में कार्रवाई के आश्वासन से उनका छिपा हुआ चेहरा सामने आया है। सरकार और मंत्री के प्रति आम धारणा में बदलाव आना लाज़मी है। इससे भंवर सिंह भाटी और अशोक गहलोत सरकार की साख पर सवाल उठा है। देश में जन कल्याण की सबसे अच्छी योजना देने वाली गहलोत सरकार और अपने विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक विकास के काम करवाने भंवर सिंह भाटी की पर्दे के पीछे की छवि कैसी है ? यह सच है कि श्रीकोलायत के सीमावर्ती क्षेत्र में जमकर अवैध खनन हो रहा है। इसकी पहले भी मुख्यमंत्री से शिकायतें हुई है। सीमा क्षेत्र खोद दिया है। खनन माफिया को पूरा राजनीतिक संरक्षण है। अवैध खनन से मरूस्थलीय क्षेत्र की भू स्थैतिक संरचना में बदलाव आ रहा है। मरूस्थलीय वनस्पति, जैव संपदा का तेजी से क्षरण हो रहा है। इस पर्यावरणीय दुष्प्रभावों की तरफ सरकार, प्रशासन और पर्यावरण विभाग आंख मूंदे बैठा है। बेनीवाल ने भले ही दवाब और वोटों की राजनीति की नियत से यह मुद्दा उठाया हो या उच्च स्तरीय जांच की मांग की हो। भंवर सिंह भाटी की साख पर तो सवाल खड़ा कर दिया। अगले विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा भंवर सिंह भाटी के लिए चुनौती से कम नहीं है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल ने जो मंत्री भंवर सिंह भाटी के खिलाफ आवाज बुलंद की है, उसका भाजपा या सामने प्रतिद्वंदी प्रत्याशी अगले चुनाव में हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं करेंगे? इससे पहले गहलोत सरकार के ही मंत्री राजेंद्र गुढ्ढा ने भी गहलोत सरकार के मंत्रियों के खिलाफ अवैध खनन का आरोप लगा चुके है। कांग्रेस और भाटी के लिए मुद्दा संकट में डालने वाला है।

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