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बीकानेर,अपनी कला संस्कृति के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां की पाटा संस्कृति की पूरे विश्व में एक अलग पहचान है। ये बोर्ड बीकानेर सिटी पार्क के हर चौक पर मिल जाएंगे।कहीं चार तो कहीं सात पैर मिल जाएंगे।

बीकानेर में एक ऐसा पाटा है जो चार-सात नहीं बल्कि नौ फीट का है। हम बात कर रहे हैं बीकानेर के दसानिया इलाके में स्थित पाटे की. यह बीकानेर का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा बड़ा पाटा है। इस के फर्श पर बैठकर लोग सुबह-शाम गपशप करते हैं। इस क्षेत्र निवासी देवेंद्र कुमार दसानी ने बताया कि यह ट्रैक करीब 150 साल पुराना है। सभी वर्ग के लोग जमीन पर बैठते हैं। यह पट्टी चार फुट ऊंची और 12 से 14 फुट लंबी होती है। पहले इस मंच पर लोग सुख-दुख की बातें किया करते थे। कुछ अमीर लोग आस-पास पूछते और किसी की समस्या होने पर मदद करते। कुछ लोगों का कहना है कि यह नक्शा नौ ग्रहों के अर्थ के अनुसार बनाया गया है। यह पाटा सांगवान की लकड़ी से बनाया जाता है। गर्मियों में शाम ढलते ही लोग इस जगह पर आने लगते हैं। यहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होती है। इस फ्लोर पर एक साथ 25 लोग बैठ सकते हैं।देवेंद्र ने कहा कि यह पाटा बीकानेर का प्रमुख पाटा है, जिससे देशी-विदेशी पर्यटक इसे देखने आते हैं। इस चौक में दो से तीन द्वार हैं। जबकि नौ फीट के ट्रैक को चौक के बीच में रखा गया है। जहां सबके घर दिखाई दे रहे हैं।

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