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नई दिल्ली/बीकानेर,आपदा प्रबंधन, राहत एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री गोविन्द राम मेेघवाल ने केन्द्र सरकार से राज्य आपदा मोचन निधि (एस. डी. आर. एफ.) और राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एन. डी. आर. एफ.) के मापदंडो में संशोधन करने के साथ ही सहायता राशि में वृद्धि करने का आग्रह किया।

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित देश में आपदा प्रबंधन प्रणाली को और बेहतर बनाने के उदेश्य से आयोजित बैठक में मेघवाल ने कहा कि राजस्थान की भोगौलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक आपदाओं से पशु हानि, घरों के नष्ट होने एवं उनमें रखे अनाज के नुकसान तथा बरसाती नालों, सीवरेज सिस्टम आदि को एस.डी.आर.एफ. निधि से अधिक उचित सहायता और ज्यादा समावेशी बनाने हेतु एस. डी. आर. एफ. मापदंडों में संशोधन किया जाए। मेघवाल ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से पशु हानि पर वर्तमान एसडीआरएफ मापदंडों में दी जाने वाली सहायता राशि को बढाकर भैंस के लिए एक लाख रूपए, गाय के लिए पचास हजार रुपए , उंट के लिए अस्सी हजार रुपए तथा भेड बकरियों के लिए पंद्रह हजार रुपए की जाये। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदा के कारण घरों के नष्ट हाने पर घरों में रखे अनाज के नुकसान होने पर वास्तविक क्षति या अधिकतम एक लाख रुपए की सहायता राशि दिलवाये जाने का प्रावधान किया जाये। मेघवाल ने केन्द्रीय मंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि वर्तमान एसडीआरएफ मापदण्डों के अनुसार बरसाती नालों, एनीकट निर्माण, सीवरेज सिस्टम के निर्माण कार्य कराये जाने का प्रावधान नहीं है, इसलिए वर्तमान मापदंडों में संशोधन करते हुए बरसाती नालों, एनीकट एवं सीवरेज सिस्टम के निर्माण एवं मरम्मत कार्यो को एसडीआरएफ मापदण्डों में शामिल किया जावें। राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने बैठक में महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए मांग रखी कि प्रधानमंत्री फसल बीमा दावे की सीमा में कृषि आदान अनुदान सहायता को समायोजित करने के वर्तमान प्रावधान को विलोपित किया जावे साथ ही कृषि आदान अनुदान की अधिकतम सीमा 2 हेक्टेयर से बढ़ाकर 5 हेक्टेयर करने का सुझाव दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने कैश क्राॅप की श्रेणी में सहायता राशि बढाने का भी सुझाव दिया। मेघवाल ने सूखा घोषणा की अवधि को अगले जुलाई तक बढाने की मांग करते हुए पशु हानि की वास्तविक संख्या के आधार पर सहायता प्रदान करने का आग्रह भी किया।
बैठक के बाद मेघवाल ने बताया कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन के लिए चाक-चौबंद है और किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में राज्य आपदा परिचालन केन्द्र के टोल फ्री नंबर 1070 व जिला स्तर पर 1077 संचालित है जिस पर आम जन आपदा से संबंधित सूचना एवं शिकायत दर्ज करा सकता है। उन्होंने बताया कि हीट वेव के शमन के लिए राज्य/जिला/तहसील स्तर पर माह अप्रेल से जून तक (24ग्7) नियंत्रण कक्ष संचालित किया जाता है। हीट वेव से प्रभावित व्यक्तियों को समय पर चिकित्सा उपचार उपलब्ध करवाने हेतु सभी राजकीय अस्पतालों में 10 प्रतिशत बैड आरक्षित किये गये हैं। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा हीट वेव की विकराल समस्या को देखते हुए पीड़ित परिवार को त्वरित सहायता के रूप में एक लाख बीस हजार रूपये की तत्काल आर्थिक सहायता दी जाती है।
बैठक में राजस्थान के सुझावों का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्वागत किया और आश्वासन दिया कि सभी जरूरी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
बैठक में राजस्थान के आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के सचिव पूर्ण चन्द्र किशन भी उपस्थित थे।

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