बीकानेर,रेलवे में संरक्षा को सदैव ही प्रथम स्थान पर रखा जाता है और संरक्षा को सुदृढ़ किये जाने के लिए अनेक कार्य किये जा रहे है, जिससे रेल संचालन को संरक्षित व सुगम बनाया जा सकें। रेलवे द्वारा नई तकनीक का उपयोग, सिगनल प्रणाली का अपग्रेडेशन, ट्रेक अनुरक्षण, ट्रेक नवीनीकरण, संरक्षा जागरूकता तथा मानवरहित समपार फाटकों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिये विगत वर्षों में महत्वपूर्ण कदम उठाये गये है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार महाप्रबन्धक श्री विजय शर्मा के नेतृत्व में उत्तर पश्चिम रेलवे पर संरक्षा को सर्वोपरि ध्येय मानकर कार्य किये जा रहे है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर संरक्षा के उचित मापदंड के लिये संरक्षा ऑडिट की जा रही है, इसके साथ ही रेल अधिकारी और कर्मचारी संरक्षा कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग कर रहे है। स्टेशनों पर रेलकर्मियों और उनके परिजनों के लिये संरक्षा गोष्ठी, काउंसलिंग इत्यादि का आयोजन किया जा रहा है।
उत्तर पश्चिम रेलवे पर आधुनिकतम सिगनल प्रणाली की स्थापना के तहत वर्ष 2022-23 में 22 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली उपलब्ध करवाई गई तथा वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे के ब्रॉडगेज पर स्थित 98% से अधिक स्टेशनों पर आधुनिकतम सिगनल प्रणाली स्थापित की जा चुकी है। रेल कोचज और वैगन में संरक्षा को सुदृढ़ के लिये एलएचबी रेंक का उपयोग किया जा रहा है। कोचज में अग्निशमन यंत्र और स्मोक डिटेक्टर प्रणाली लगाई जा रही है। इसके साथ ही एंटी टेलीस्कोप कोच का उपयोग किया जा रहा है, यह कोच दुर्घटना के समय एक-दूसरे पर चढने की बजाय इधर-उधर गिरते है, जिससे हानि कम होती है।
मानवरहित समपार फाटकों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने की कार्ययोजना के तहत उत्तर पश्चिम रेलवे के ब्रॉडगेज मार्ग पर सभी मानव रहित समपार फाटकों को समाप्त समाप्त कर दिया गया है। मानवरहित समपार फाटकों को मानवसहित करना, मानवरहित समपार फाटकों को सबवे (Subway), सीमित ऊचाई के पुल (LHS) तथा सडक के ऊपरी पुल (ROBs) बनाकर बन्द करने के कार्य किये गये। वर्ष 2023-23 में मानव फाटकों को बंद करने के उद्देश्य के तहत 170 फाटको को रोड अंडर ब्रिज/रोड ओवर ब्रिज बना कर मानव सहित समपारों को बंद किया गया है। इसके फलस्वरूप सडक उपयोगकर्ताओं की नासमझी से होने वाली दुर्घनाओं में अपेक्षित कमी आई है। रेल संचालन में ट्रैक अनुरक्षण संरक्षा का अहम घटक है जिस पर विगत वर्षों में विशेष बल दिया जा रहा है तथा इस मद के लिये समुचित बजट भी आवंटित किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2022-23 में 271 किलोमीटर मार्ग का ट्रैक नवीनीकरण किया गया। संरक्षा के लिये इस वर्ष प्रस्तुत बजट में 1156 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही संरक्षा के अहम मद ट्रैक नवीनीकरण के लिये 520 करोड़, रेलवे समपारों पर रोड ओवर ब्रिज तथा रोड अण्डर ब्रिज के लिये 454 करोड़ रूपये का बजट में प्रावधान है।
इसके साथ ही उत्तर पश्चिम रेलवे पर 436 करोड की लागत से 1586 किलोमीटर रेलमार्ग पर कवच प्रणाली स्थापित करने के लिये मंजूरी प्रदान की गई है तथा इस वर्ष इस प्रणाली के लिये 150 करोड़ बजट का आवंटन किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर ‘कवच’ प्रणाली रेवाड़ी-पालनपुर वाया जयपुर, जयपुर-सवाई माधोपुर, उदयपुर-चित्तौड़गढ़, फुलेरा-जोधपुर-मारवाड़ एवं लूनी-भीलड़ी रेलखंड पर स्वीकृत की गई है। इस प्रणाली के स्थापित होने से रेल संचालन की संरक्षा में वृद्वि होगी।
उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल संचालन में संरक्षा प्रमुख ध्येय है तथा रेलवे का प्रयास है कि संरक्षा कार्यों में किसी भी प्रकार कमी नहीं आये और यात्रियों को सुरक्षित उनके गतंव्य तक पहुचाना प्राथमिकता में सम्मलित है।