बीकानेर,श्री कोलायत के कपिल सरोवर को हैरिटेज लुक देने के लिये गुरूवार को आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में उर्जामंत्री भंवर सिंह भाटी ने कपिल सरोवर का सौन्दर्य पुष्कर और करूक्षेत्र के तरह संवारने का आव्हान करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इसके लिये बीस करोड़ रूपये स्वीकृत किये है। कार्यक्रम में उर्जामंत्री ने जोशीले अंदाज में कपिल सरोवर का उत्थान करने करने शुरू कर दिये,इस कुछ जागरूक नागरिक ने कपिल सरोवर के आस पास खनन माफियाओं द्वारा की जा रही तबाही से जुड़ा सवाल पूछा तो उर्जामंत्री की बोलती बंद हो गई। लोगों का सीधे तौर पर उर्जामंत्री से सवाल था कि खनन माफियाओं ने कपिल सरोवर के आस पास संरक्षित जमीन को खोद डाला है,यह खुदाई अभी से नहीं पिछले साढे चार साल से चल रही है। इसके लेकर सीएम स्तर तक शिकायत हो चुकी है,फिर भी खनन माफियाओं पर शिंकजा क्यों नहीं कसा जा रहा । लोगों को उम्मीद थी कि उर्जामंत्री सवाल का जबाव देगें लेकिन वह चुप्पी साध गये और कपिल सरोवर का उत्थान करने के साथ गहलोत सरकार का गुणगान करना शुरू कर दिया। उन्होने कहा कि मेरी मंशा है कि पुष्कर और कुरुक्षेत्र की तर्ज पर इसका सौंदर्यीकरण किया जाएगा । सीएम अशोक गहलोत ने बजट घोषणा में कपिल सरोवर का सौन्द्रर्यकरण निखारने के लिये बीस करोड़ रूपये स्वीकृत किये है। सौन्दर्यकरण की डीपीआर तैयार की जा रही है । इंदिरा नहर का पानी कपिल सरोवर में लाने के लिये पांच करोड़ रूपये खर्च किये जायेगें। सरोवर परिक्षेत्र में चौपाटी एरिया भी विकसित किया जाएगा। यहां पांच किचन तथा बैठक की व्यवस्था की जाएगी। सरोवर परिसर के एक और रेज्ड पार्क विकसित किया जाएगा। इसमें फव्वारे, आकर्षक लाइटिंग और दूब लगाई जाएगी। इस दौरान उपखंड अधिकारी प्रदीप चाहर, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संजय चौधरी, आईजीएनपी के अधिशाषी अभियंता दीपांकर शर्मा, झंवर लाल सेठिया सहित आमजन मौजूद रहे ।
-लोगों का आरोप, मंत्री ने दे रखी माफियाओं को शह
लोगों का आरोप है कि उर्जामंत्री भंवर सिंह भाटी ने श्रीकोलायत समेत आस पास इलाके में सक्रिय खनन माफियाओं को शह दे रखी है, मंत्री का संरक्षण होने के कारण प्रशासन, पुलिस और खनन विभाग के अधिकारी भी इन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करने से घबराते है। लोगों का आरोप है कि मंत्री का संरक्षण होने के कारण इलाके में जिप्सम का अवैध खनन व रॉयल्टी की अवैध वसूली के माफियाराज पर अंकुश नहीं लग रहा है। जिप्मम खनन इलाकों में रॉयल्टी वसूली को लेकर भी घमासान मचा हुआ है। रॉयल्टी की आड़ में ठेकेदार अवैध वसूली कर सरकार को लाखों के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं। तय दर से आठ गुना रॉयल्टी वसूली जा रही है।