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बीकानेर,प्रो.अनिल कुमार छंगाणी की माने तो वास्तव में यह सन रिंग एक प्रकार की सामान्य खगोलीय घटना है। जिसमें जब बादल 8 से 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाते हैं, तो इनके जलवाष्प से छोटे-छोटे षटकोणीय बर्फ के क्रिस्टल बन जाते हैं। इसके परिणाम स्वरूप इस प्रकार की *इंद्रधनुषीय सन रिंग* का निर्माण होता है। इस दौरान सूर्य व चंद्रमा 22° पर एक दूसरे से मिलते हैं, तो इस प्रकार की रिंग का निर्माण होता है

-प्रो.अनिल कुमार छंगाणी, विभागाध्यक्ष, पर्यावरण विज्ञान विभाग, एमजीएस विवि, बीकानेर

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