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बीकानेर,केंद्रीय मत्स्य पशुपालन डेयरी मंत्रालय से अटैच भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड भारत सरकार के मानद जीव जंतु कल्याण अधिकारी श्रेयांस बैद द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उपखंड अधिकारी लूणकरणसर के मार्फत भेजे पत्र में बैद ने बताया कि राजस्थान की व्रहद परंपरा में गाय की भूमि गौचर ओरण चारागाहों के विकास के लिए प्रदेश भर में महती योजना बनाकर कार्य किया जाना आवश्यक है किसानों का जीवन गौ पालन व कृषि पर आधारित है हमारी संस्कृति में गायों का महत्वपूर्ण स्थान है। गौ उत्पादों के बगैर लोगों के जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती।

भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड जीव जंतुओं के कल्याण को लेकर निरन्तर गतिमान है जंहा चींटी से लेकर हाथियों तक कि रक्षा करना हमारा मूल कर्तव्य है।
बोर्ड चारागाह विकास को लेकर बेहद गम्भीर है व गौचर भूमि की कमी के कारण पशुओं को अत्यधिक कठिनाइयों ओर दर्द का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदेश भर में आवारा पशुओं की भरमार हैं गोचर से उनकी व्यवस्था तय की जा सकती है।
पूर्व के समय मे छोड़ गए गौचर में एक तृण भी ग्रहण करना पाप समझा गया था में कब्जों की भरमार है ग्राम पंचायतों की गौचर व्यवस्था विनोद बन कर रह गई है जहां देखो कब्जो की बाढ़ सी आ गई है।
पंचायत क्षेत्रों में जो भूमि भूमाफियाओं से मुक्त हैं वन्हा स्थान की पैमाइश करवाकर योजना बनाकर तरिके से गौचर का संरक्षण संवर्धन करवाया जावे ।
गौचर भूमि पर नरेगा के तहत कार्य करवाया जाए।
गौचर भूमि में पानी की खेळीया, आश्रय गृह, शेड इत्यदि हो पहले से भूमि में अगर जोहड़ पायतन आदि हैं तो उनका पुनुद्वार करवाये।
गौचर में चारागाह विस्तार योजना सेवण, भूरट जैसा लवणीय घास उगाकर हरेचारे की माकूल व्यवस्था व्यवस्था कदम उठाएं ।
गौचर भूमि की सुरक्षा के लिए चार दीवारें बनाई जावे ।
गौचर भूमि में सघन खेजड़ी सेहजनी जैसे वृक्ष लगवाए जाए । व पंचायतो के मध्यम से रोजगार के लिए एलोवीरा जेसी आर्युवेदिक ओशद्यियो को उगाया जा सकता है।
ग्राम विकास अधिकारियों को गोचर भूमि की सुरक्षा के लिए पाबंद किया जाए और उनकी प्राथमिकताओं को तय किया गया।
गौचर भूमि में पहले से अगर मंदिर आदि हैं तो यथावत रखते हुए भविष्य में मंदिर, मसजिद, गुरुद्वारे, चर्च इत्यादि नहीं बनाने के लिए निर्देश प्रदान करें क्योंकि शास्त्रों के अनुसार सर्व देव मयी गो माता में सभी देवगण निवास करते हैं।
राज्य के सर्वागींण विकास व वैभव के लिए इन मूक पशुओं की सेवा का कार्य करते हुए गौचर चारागाह का संरक्षण स्वर्धन किया जाए ।

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