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बीकानेर.अपनों के बिछड़ने का दर्द केवल वही लोग बयां कर सकते हैं जो पिछले कई सालों से लापता हुए अपनों की तलाश में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।

आज भी लोग घर की चौखट पर टकटकी लगाए उनका इंतजार करते रहते हैं। बीकानेर रेंज के चार जिलों में बीते साढ़े पांच साल में लापता हुए 1871 लोगों का अब तक पता नहीं चल सका है। उनकी राह देखते हुए परिजनों की आंखें भी पथरा गई हैं।

साल 2018 से अब तक बीकानेर रेंज में 13903 लोगों के लापता होने की गुमशुदगी विभिन्न थानों में दर्ज हुई। इनमें से लापता 1871 लोगों का अब तक पता नहीं चला है।

इनको खोजने के लिए विशेष योजना तो बनी, लेकिन कारगर साबित नहीं हो सकी। नतीजा यह है कि लोग आज भी अपनों की तलाश में थाने और चौकियों से लेकर अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन, उन्हें आश्वासन के अलावा अभी तक कुछ नहीं मिल पाया है। थानों पर लगे नोटिस बोर्ड पर ही गुमशुदगी की तलाश की जा रही है। मगर पुलिस इनकी बरामदगी के लिए कोई हरकत करती नजर नहीं आ रही।

ऑपरेशन मुस्कान ने कई घरों में लौटाई मुस्कान

लापता बच्चों की संख्या पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऑपरेशन मुस्कान चलाने का आदेश दिया था। बीकानेर रेंज में भी इसकी शुरूआत हुई थी। इस अभियान के तहत घर से भटके और होटलों आदि में काम करने वाले बच्चों के बारे में पता कर पुलिस की ओर से उन्हें घर पहुंचाया जाना था।

रेंज के चारों जिलों की पुलिस ने बेहतर काम करते हुए 12032 लोगों को ढूंढ़ कर परिजनों से मिलाया लेकिन अफसोस 1871 को आज तक पुलिस ढूंढ़ नहीं पाई है।

बीकानेर रेंज से साढ़े पांच साल में 13903 लोग लापता : 1871 का आज तक पता नहीं चला
अपनों की राह देखते सूख गए आंसू, पर वे नहीं लौटे
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में सबसे ज्यादा हो रहे लापता

कोलायत से नौ जून, 22 को श्रवण उर्फ बाबू (16) लापता हो गया। 11 जून को पिता प्रेमचंद सोनी ने कोलायत थाने में गुमशुदगी दर्ज करवा दी। इसका अब तक पुलिस पता नहीं लगा पाई है।

नोखा थाना क्षेत्र से खींवराज उर्फ पप्पू सखलेचा पिछले साल नवंबर से लापता है। इस संबंध में उसके परिजनों की ओर से नोखा में गुमशुदगी दर्ज कराई लेकिन आज तक इस का पता नहीं लगा है।

बीकानेर रेंज के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में सबसे ज्यादा लोग लापता हो रहे हैं। गुमशुदा के मामले में श्रीगंगानगर चारों जिलों में 5372 लोग लापता हुए, जिसमें से 980 को पुलिस अभी तक ढूंढ़ नहीं पाई है। दूसरे नंबर पर हनुमानगढ़ जिला हैं, जिसमें 3212 लोग लापता हुए, जिसमें से 433 अब तक लापता है। सबसे बेहतर स्थिति चूरू जिले की है, जहां पांच साल में 2333 लोग लापता हुए, जिसमें अब केवल 210 लोगों को पुलिस नहीं ढूंढ़ पाई है।

जिला पुरुष महिला बालक बालिका दस्तयाब नहीं मिले

बीकानेर 895 1701 92 298 2738 248

श्रीगंगानगर 1210 3439 86 635 4392 980

हनुमानगढ़ 764 2041 53 407 2779 433

चूरू 461 1509 89 274 2123 210

यह करती है पुलिस

महिला या किसी अन्य के लापता होने पर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करना।

गुमशुदगी के बाद पुलिस उनके पोस्टर हर थाने पर भेजती है।

डीसीआरबी के जरिए सभी को इसके बारे में जानकारी दी जाती है ताकि गुमशुदा के बारे में कहीं से भी जानकारी मिल सके।

इनका कहना है

लापता लोगों को बरामद करने के लिए पुलिस की टीमें बनाई गई हैं। जो विभिन्न राज्यों में भी जाकर जानकारी जुटाती हैं। ऑपरेशन मुस्कान के बाद से सैकड़ों घरों में खुशियां लौटी है। कुछ लोगों को बरामद करने के प्रयास लगातार जारी हैं। बरामदगी को लेकर समय-समय पर समीक्षा भी जा रही है। – ओमप्रकाश, पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर रेंज

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