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बीकानेर,राजकोट से ग्लोबल कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ काऊ बेस्ड इंडस्ट्रीज (जी.सी.सी.आई.) गो आधारित उद्यमिता विकास के लिए भारत सरकार के केंद्रीय कृषि मंत्री, गो उद्यमिता में लगी संस्थाओं के मुखियाओं और वक्ताओं ने राजकोट के मंच गोमय क्रांति का आव्हान किया। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि भारत में गांवों का विकास गो आधारित उद्यमिता विकास से हो सकेगा। अब इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए देश भर में विकसित नवीन तकनीक का एक्सपो में प्रर्दशन किया गया। गो आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विकसित संसाधनों से अवगत करवाया। केंद्र सरकार की गोबर के लिए गोवर्धन परियोजना का उल्लेख किया गया। अब उर्वरक विक्रेता कंपनियों को बायो खाद, गैस प्लांट से निकली सेलरी, गैस खरीद बेच सकेगी। भारत सरकार ने नया नोटिफिकेशन जारी कर गोबर खाद के खरीद विक्रय को सुविधाजनक बनाया है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि परंपरा गो पालन और ग्राम आधारित अर्थ व्यवस्था के दो सौ वर्ष पहले तक विश्व अर्थ व्यवस्था में भारत की जीडीपी महत्वपूर्ण रही है। भारत विश्व गुरु रहा है। वापस हम अपनी खोई हुई थाती की तरफ लोटने की जरूरत है। गांव को अगर विकसित करना है तो गाय आधारित अर्थव्यवस्था होना ही रास्ता है। जीवन पद्धति परंपरागत हो। सौर ऊर्जा का उपयोग हो। पर्यावरण प्रदूषण नहीं होगा। बायो गैस 180 हजार करोड़ बायो गैस खरीदेंगे। सीएनजी की बायो खाद की मार्किग को नोटिफाइड कर दिया है। इसका मार्केटिंग की जा सकेगी। बायो गैस प्लांट से बनी खाद, मिथेन और कार्बन डाई आक्साइड बिकेगी। एक्सपो के उदघाटन मंच से जनप्रतिनिधि, ब्यूरोक्रेट,संत समाज, गो उद्यम में लगे विशेषज्ञों ने गो उद्यमिता को सामयिक होना बताया। Gcci अध्यक्ष डा. वल्लभ कथिरिया ने एक्सपो की उपादेयता की विस्तृत जानकारी दी। पांच दिवसीय एक्सपो में गो उद्यमिता से जुड़ी तकनीक और ज्ञान पर दिनभर चल रही सेमिनार में विचारों का आदान प्रदान चल रहा है।

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