बीकानेर,संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित बैठक में जिले में गोचर भूमि की उपलब्धता और इन भूमियों पर विभिन्न योजनाओं के तहत करवाए जा रहे कार्यों पर विचार विमर्श किया गया।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) ओम प्रकाश, एडीएम (सिटी) पंकज शर्मा, देवकिशन चांडक, अंशुमान सिंह भाटी, सूरजमाल सिंह नीमराना, बंशीलाल तंवर और प्रताप सिंह गोगी आदि मौजूद रहे।
संभागीय आयुक्त ने बताया कि जिले में गोचर और ओरण भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए सघन कार्यवाही की जा रही है। पूरे संभाग में इन भूमियों पर किए गए कब्जे स्वयं हटाने के लिए निर्देशित किया गया है। अन्यथा कब्जा हटाने का पैसा कब्जाधारी से वसूला जाएगा। साथ ही उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
संभागीय आयुक्त ने बताया कि बीकानेर जिले की 25 ग्राम पंचायतों में गोचर अथवा ओरण भूमि पर अतिक्रमण हटाकर मनरेगा के तहत 32 मॉडल चारागाह विकास के कार्य करवाए जा रहे हैं। इनके लिए 1114.32 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके तहत कुल 864.32 हेक्टेयर क्षेत्र में चारागाह विकास किया जाएगा। इसी प्रकार सुजानदेसर गोचर के संरक्षण और विकास के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत वन विभाग और नगर निगम द्वारा कार्य करवाए जा रहे हैं। इसके तहत यहां 1 लाख पौधों की पौधशाला तैयार की जाएगी। इसके लिए 11.49 लाख रुपए स्वीकृत कर दिए गए हैं। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत ही यहां की सैर पर क्षेत्र में 18 हजार पौधे रोपित करने के लिए 158 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं जुलाई माह के अंत तक अथवा वर्षा प्रारंभ होने पर यहां वृक्षारोपण का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। इसी प्रकार इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत ही नगर निगम द्वारा सुजानदेसर स्थित एसटीपी के पास नाडी खुदाई के दो कार्य करवाए जा रहे हैं। इन पर लगभग 3 करोड रुपए होंगे। इसके तहत वृक्षारोपण और पशुओं के पीने के लिए जल संरक्षण का कार्य किया जाएगा।
ग्राम शरह नथानिया गोचर भूमि के मध्य चल रही फील्ड फायरिंग रेंज का आवंटन निरस्त करने के संबंध में उपयुक्त वैकल्पिक भूमि का चयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्राम शरह नथानिया के पास पत्थर व्यवसाय हेतु सचिव नगर विकास न्यास को आवंटित की गई थी। इस भूमि को पुनः गोचर दर्ज करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र राज्य सरकार की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए निवेदन किया गया है। वर्तमान में यह कार्यवाही राज्य सरकार स्तर पर लंबित है।
संभागीय आयुक्त ने बताया कि जिले में चारागाह विकास, चारागाह भूमियों को अतिक्रमण मुक्त करने, जल एवं भूमि संरक्षण हेतु कार्यों के चिन्हीकरण तथा जिला स्तर पर विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करने के साथ चारागाह विकास कार्यों की समीक्षा के लिए जिला, ब्लाक और ग्राम पंचायत स्तर पर जिला प्रमुख, प्रधान और सरपंच की अध्यक्षता में बंजर भूमि और चारागाह विकास समितियों का गठन किया गया है। यह समितियां समय-समय पर इन कार्यों की समीक्षा करती हैं। आगामी बरसात के मौसम को देखते हुए इन समितियों को और अधिक सक्रियता से कार्य के लिए प्रेरित किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि ग्राम शरह नथानिया में गोचर भूमि के मध्य चल रही फील्ड फायरिंग रेंज का आवंटन निरस्त करने तथा उपयुक्त वैकल्पिक भूमि चयन संबंधी कार्यवाही जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक द्वारा संबंधित विभागों के समन्वय से नियमानुसार की जाएगी।