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बीकानेर, कृषि महाविद्यालय बीकानेर के पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन विभाग द्वारा व्यवसायिक मुर्गी पालन पर 18 मई से प्रारम्भ सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को सम्पन्न हुआ। यह जानकारी देते हुए प्रशिक्षण समन्वयक डॉ एन. एस. दहिया ने बताया कि प्रशिक्षण में ब्रूडर भवन की तैयारी, ब्रायलर पालन, लेयर पालन, मुर्गी आहार, मुर्गियों की नस्लें, चूजों की देखभाल, मार्केटिंग आदि के बारे में विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मानव संसाधन विकास निदेशालय के निदेशक डॉ एस.आर.भूनिया ने बताया कि भारत में कुल माँस का लगभग 36 प्रतिशत कुक्कुटशालाओं में उत्पादित होता है, अतः मुर्गी पालन में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। प्रारंभ में 1000 -2000 बर्डस से व्यवसाय शुरू कर अनुभव के साथ इसे आगे बढ़ाएं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में अधिष्ठाता एवं कृषि संकाय अध्यक्ष डॉ. आई.पी. सिंह ने कहा कि कम पूंजी में तथा कम समय में लाभप्रद व्यवसाय प्रारंभ करने की दिशा में मुर्गी पालन व्यवसाय महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर प्रकाशित प्रशिक्षण मार्गदर्शिका का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ रामनिवास ढाका ने किया।

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