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बीकानेर,जयपुर,पुलिसकर्मियों में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए डीजीपी उमेश मिश्रा ने सोशल मीडिया के प्रयोग की लक्ष्मण रेखा तय कर दी है. पुलिस से जुड़े लोग अब पुलिस मुख्यालय की गाइडलाइंस के अनुसार ही सोशल मीडिया का प्रयोग कर सकेंगे, ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. गत कुछ समय में समाज के हर तबके में सोशल मीडिया का उपयोग बढ़ा है. पुलिस महकमा भी सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव से अछूता नहीं रह पाया है. बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और पुलिस अधिकारी सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं. कई मर्तबा ऐसा भी देखने में आया है जब कई पुलिसकर्मियों और पुलिस अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर मर्यादा लांघ कर पोस्ट की है. चाहे वह किसी राजनीतिक मुद्दे पर अपनी राय रखना हो या पुलिस की वर्दी पहनकर रील बनाना हो।इस तरह की घटनाओं को देखते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने पुलिस कर्मियों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग की लक्ष्मण रेखा तय कर दी है. पुलिस मुख्यालय ने सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर एक विस्तृत गाइडलाइंस जारी की है. सभी पुलिसकर्मियों को इस गाइडलाइंस के दायरे में रहकर ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करना होगा ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. राजस्थान में कई पुलिसकर्मी और पुलिस अधिकारी ऐसे हैं जो सोशल मीडिया पर लोकप्रिय होने के लिए वर्दी का गलत इस्तेमाल करते थे. पुलिस मुख्यालय ने जो गाइडलाइंस जारी की है उसमें यह सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी वर्दी पहनकर रील नहीं बना सकेगा. पुलिस कर्मियों को सोशल मीडिया के उपयोग के समय गोपनीयता का भी विशेष ध्यान रखना होगा. कोई भी पुलिसकर्मियों और पुलिस अधिकारी सोशल मीडिया पर अंडरकवर ऑपरेशन की जानकारी साझा नहीं कर सकेंगे।सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों के संयमित प्रयोग की पहल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुरू की है. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बारे में सभी राज्यों की पुलिस को निर्देश जारी किए थे. इसकी पालना में ही राजस्थान पुलिस में यह विस्तृत गाइडलाइंस जारी की है. प्रदेश में भी ऐसे कई पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी हैं जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने पर्सनल प्रोपेगेंडा और व्यक्तिगत लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए कर रहे हैं. राजस्थान पुलिस की नई गाइडलाइंस के बाद वह ऐसा नहीं कर सकेंगे.

*पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया उपयोग के गाइडलाइंस के प्रमुख बिंदु*

-सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट में सीयूजी मोबाइल नंबर व सरकारी ई-मेल का ही उपयोग होगा.
-सोशल मीडिया पर डाली जाने वाली पोस्ट की भाषा सभ्य व सहज होनी चाहिए.
-व्यक्तिगत हैंडल से किसी भी प्रकार के गोपनीय व सरकारी दस्तावेज सांझा करने पर रोक
-जाति, धर्म, सम्प्रदाय, क्षेत्रवाद व पूर्वाग्रह से ग्रसित किसी भी तरह की टिप्पणी पर रोक
-राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण व संवेदनशील मुद्दों के बारे में सरकारी या निजी हैंडल से किसी भी तरह की पोस्ट या टिप्पणी पर रोक
-वर्दी और कार्यस्थल की मर्यादा को भंग करने वाली पोस्ट पर रोक
-सरकारी या निजी आईडी से जाति व सम्प्रदाय के नाम से आमजन की भावनाओं को आहत करने वाला ग्रुप नहीं बना सकेंगे
-गैंगस्टर को फॉलो या लाइक नहीं करें. किसी भी अपराधी का महिमा मंडन अपराध की श्रेणी में माना जाएगा
-पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर किसी को भी ट्रोल या बुली नहीं कर सकेंगे
-किसी भी अकाउंट की प्रोफाइल पिक्चर राजनीतिक पार्टी या संगठन से जुड़ी नहीं होगी

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