बीकानेर,पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेगिस्तानी क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों के साथ अब आवारा कुत्ते (स्ट्रीट डाग्स) चौकसी कर रहे हैं।
बीएसएफ के जवानों ने इन कुत्तों को प्रशिक्षण दिया और अब ये चौकसी कर रहे हैं। सीमा पर अनजान लोगों को पहचानते ही ये कुत्ते भोंक कर जवानों को सतर्क कर देते हैं।
अजनबियों को पहचानने का दिया गया प्रशिक्षण
पाकिस्तान से सटी राजस्थान की 1070 किलोमीटर की सीमा पर ये कुत्ते सुरक्षा में बीएसएफ के जवानों के लिए काफी सहायक सिद्ध हो रहे हैं। इन कुत्तों को इस साल के प्रारंभ में एक महीने तक अजनबियों को पहचानने और फिर भोंक कर जवानों का सतर्क करने का प्रशिक्षण दिया गया। कुत्तों को वर्दीधारी जवानों एवं आम नागरिकों के बीच का फर्क समझाया गया है। प्रशिक्षण जवानों के साथ ही पशु चिकित्सकों ने भी दिया।
कुत्ते किस प्रकार से कर रहे जवानों की मदद ?
राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर जिलों से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेगिस्तान का फायदा उठाकर होने वाली घुसपैठ और तस्करी को रोकने में ये कुत्ते जवानों की मदद कर रहे हैं। तारबंदी के निकट जैसे ही कोई हलचल होती है। आवाज आती है तो कुत्ते भोंक कर जवानों को सतर्क कर देते हैं।
तेज गर्मी में रह सकते हैं ये कुत्ते
बीएसएफ में बीकानेर सेक्टर के महानिरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि गांवों और कस्बों में घूमने वाले आवारा कुत्तों को पकड़ कर प्रशिक्षित किया गया है। ये कुत्ते गर्मी में तपते रेगिस्तान में आसानी से रह जाते हैं। सीमा पर तैनात होने से पहले ये आवारा घूमते थे, जिससे इन्हे पश्चिमी सीमा पर पड़ने वाली तेज गर्मी और सर्दी में माइनस तापमान में रखने में किसी तरह की मुश्किल नहीं होती है। ये तेज गर्मी और सर्दी में रह सकते हैं।
रखरखाव में आता है मामूली खर्च
राठौड़ ने कहा कि इनके रखरखाव पर भी ज्यादा खर्चा नहीं करना पड़ रहा है। सीमा पर जवानों के लिए बनाए गए मचान के पास ही इन कुत्तों के लिए झोंपड़े बनाए गए हैं। पशु चिकित्सक नियमित तौर पर इनका स्वास्थ्य जांचते हैं। जवान सीमा पर ड्यूटी पर जाते हैं तो अपने साथ कुत्तों के लिए रोटी ले जाते हैं, जिनसे इनका पेट भर जाता है।
आवारा कुत्तों को पहली बार सुरक्षा के लिए किया गया इस्तेमाल
उन्होंने बताया कि बीएसएफ के प्रत्येक सेक्टर पर ऐसे 35-35 कुत्ते प्रशिक्षित कर तैनात किए गए हैं। राठौड़ ने कहा कि बीएसएफ ने पहली बार आवारा कुत्तों को सुरक्षा में इस्तेमाल किया है।