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बीकानेर,स्थानीय बी-3, शहीद भगतसिंह पार्क सुदर्शनानगर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का शनिवार को विराम हो गया। इस अवसर पर
श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा और एकबारगी पंडाल छोटा पडऩे लगा। आयोजन
प्रभारी टीना ने बताया कि शनिवार को भागवत कथा में श्रीकृष्ण-सुदामा
प्रसंग का सुमधुर शैली में वर्णन करते हुए व्यास पीठ पर विराजमान
वृंदावनधाम से पधारे भागवत मर्मज्ञ पं. कपिलदेव जी ने कहा कि मित्रता करो
तो उसे पूरी तरह निबाहो भी-यह श्रीकृष्णजी का शाश्वत संदेश है।   वे अपने
बालसखा सुदामाजी के आगमन की खबर सुनते ही भागे भागे अपने महल की ड्योढ़ी
तक आ गये और उनकी पोटली में बंधे चना चबैना को भी छप्पन भोग की तरह
स्वीकार किया। यही नहीं, उन्होंने अपने बालसखा की दरिद्रता को भाँपकर
उन्हें बताए बिना ही त्रिलोक की संपत्ति उनके लिए उपलब्ध करवा दी।
श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के विराम अवसर पर आयोजित हवन में 51 जोड़ों
ने आहूति दी एवं भण्डारे का आयोजन भी किया गया।

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