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श्रीडूंगरगढ,बीकानेर,यहां सिंधी कॉलोनी में महावीर प्रसाद, चन्द्र प्रकाश शर्मा परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन शनिवार को कथा वाचक स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराज के शिष्य संत प्रहलाद जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा चित्रण का बखान किया। प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता विजय महर्षि ने बताया कि महाराज श्री ने अपने प्रवचन में संसार में मित्रता को सबसे बड़ा रिश्ता बताया। सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनाते हुए श्रीकृष्ण व सुदामा की निश्छल मित्रता का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कैसे बिना याचना के कृष्णा ने गरीब सुदामा का उद्धार किया था। मित्रता निभाते हुए सुदामा की स्थिति को सुधारा। इस दौरान पंडाल के मौजूद श्रदालु भावुक हो गए। कथा में मित्रता को सर्वोच्च बताया गया। महाराज ने बताया कि मित्र संकट काटने वाले भी होते है और संकट में डालने वाले भी होते है। मित्रता हमेशा सज्जन व्यक्ति से करें। कथा में दत्तात्रेय की 24 गुरुओं के व्यक्तांग भी सुनाए गए। महाराज श्री ने 24 गुरुओं में पृथ्वी, सूर्य, पिंगला, वायु, मृग, समुद्र, आकाश, जल, अग्नि, चंद्रमा, कुमारी कन्या आदि
को शामिल होने की बात कहीं। कथा में संगीतमय भजनों की प्रस्तुतियां भी दी गई। इस दौरान देवी देवताओं की संजीव झांकिया सझाई गई। कथा में प्रस्तुत भजनों पर श्रदालु झूम उठे। महाराज ने गौवंश के सरक्षंण की अपील भी लोगों से की। कथा आयोजक चन्द्र प्रकाश शर्मा ने बताया कि इस भागवत कथा को सुनने आसपास के गांवों तथा शहर श्री डूंगरगढ़ के सभी मोहल्लों से भक्त जन पधारे।

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