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बीकानेर खाजूवाला, खाजूवाला के सीमावर्ती क्षेत्र 28 बीडी में गायों की मौत के मामले में ग्रामीणों का गुस्सा एक बार फिर से मंगलवार को फूटा। ग्रामीणों ने 28 बीडी में प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं करने पर जमकर रोष प्रकट किया। साथ ही गायों की मौत का आरोपी गौ-शाला संचालकों पर लगाते हुए कानूनी कार्यवाही करने की मांग की।

ग्रामीण कमलेश बिश्नोई ने बताया कि तीन दिन पूर्व यहां के लोगों को पता चला कि 28 बीडी सी क्षेत्र में बहुत सी गाय मरी हुई पड़ी है। जिसपर सभी ग्रामीण एकत्रित हुए और देखा तो ये सभी गायें लड्डू गोपाल गो-सेवा समिति 10 बीडी की है। गौ-शाला द्वारा मरी हुई गायों को ट्रैक्टर में डालकर यहां लाया गया और यहां विरान जगह देखकर उन्हे पटक दिया गया तथा कुछ गायें जो कमजोर थी उन्हे यहां लाकर छोड़ दिया। जिसके चलते 100 से अधिक गायों की मौत हुई है। जिसपर संस्थान के पदाधिकारियों व उपखण्ड अधिकारी को बुलाया गया। उपखण्ड अधिकारी तथा पुलिस की मौजूदगी में गायों का पता किया गया। जिसमें मालूम हुआ कि गौ-शाला की 300 से अधिक गायें 15-20 दिनों पूर्व 28 बीडी की रोही में लाकर छोड़ दी गई। जबकि यह सीमावर्ती क्षेत्र है तथा यहां गायों के चरने व पानी की व्यवस्था नहीं है। गायों के गौ-शाला के टैग भी लगे हुए मिले। जिसपर पूरा क्षेत्र खंगाला गया तो पूरे क्षेत्र में अलग-अलग जगह दर्जनों गायें मरी हुई पाई गई। जिसपर उपखण्ड अधिकारी ने गौ-शाला के पदाधिकारियों को फटकार भी लगाई लेकिन मंगलवार तक तीन दिन बीत जाने के बाद तक इन बची हुई गायों का सुध लेने वाला कोई नहीं है। जिसके चलते 28 बीडी क्षेत्र के किसानों ने अपने स्तर पर इन गायों के लिए हरा-चारा व तुड़ी तथा पानी की व्यवस्था की। वहीं ग्रामीणों ने मांग की कि इन गायों बची हुई गायों को दूसरी किसी भी गौ-शाला में भेजा जाए अन्यथा वापस उसी गौ-शाला में भेजने पर इनकी मौत हो सकती है। खाजूवाला क्षेत्र में लापरवाही के चलते बहुत सी गायों की मौत हो गई है। उपखण्ड अधिकारी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि गायों की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आने के बाद गौ-शाला व दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।

मंगलवार को 28 बीडी में ग्रामीणों एकत्रित हो गए। जिसपर ग्रामीणों मांग की कि 300 में से मात्र 80 से 100 गायें ही जिन्दा बची है। बाकी गायें भुख व प्यास के कारण मौत के मूह में चली गई है। इसलिए इन गायों को वापस लड्डू गोपाल गौ-शाला नहीं भेजेंगे। वहीं प्रशासन के कहने पर लड्डू गोपाल गौ-शाला के पदाधिकारी 28 बीडी अपनी बची हुई गायों को लेने आए। जिसपर एक बार हंगामा हो गया। यहां दोपहर में उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार व थानाधिकारी मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। जिसपर ग्रामीणों व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच में खासा बहस हुई। बहस के बाद उपखण्ड अधिकारी ने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ प्रशासन जरूर कार्यवाही करेगा। इन बची हुई गायों को गौ-शाला भेजना जरूरी है अन्यथा यहां गर्मी के चलते और गायें मर सकती है। जिसपर ग्रामीण माने और गायों को लड्डू गोपाल गौ-शाला के पदाधिकारियों को सुपूर्द कर दिया।

28 बीडी में दर्जनों गायों की मौत के बाद बीमार व कमजोर गायों का ईलाज करवाया जा रहा है। सोमवार को भी पशु चिकित्सक व बीकानेर से आई टीम के चिकित्सकों ने बीमार गायों का ईलाज किया तथा मंगलवार को भी मौके पर चिकित्सक को बुलाकर घायल पशुओं का ईलाज करवाया गया। पशु अत्यधिक गर्मी होने के कारण बीमार हुए तथा बाकी बची हुई गायों के लिए हरा-चारा तुड़ी पानी की व्यवस्था ग्रामीणों ने चन्दा कर की है।

मंगलवार को 10 बीडी स्थित गौ-शाला पहुंचे तो पाया कि गौ-शाला में मात्र 22 गायें ही थी। यहां एक बच्छा मरा हुआ पड़ा था। जिसपर गौ-शाला के सुभाष ने बताया कि यह बच्छड़ा आज ही मरा है। वहीं गौ-शाला के नोट्सि बोर्ड पर 534 गायें दिखाई गई है। जबकि गौ-शाला में मात्र 22 गायें ही मिली। गौ-शाला के सुभाष ने बताया कि गौ-शाला द्वारा 350 गायें 28 बीडी चराने के लिए भेजी गई थी। लेकिन वहां भी गायों का आंकड़ा पूरा नहीं हुआ। गौ-शाला में लगातार गायों के मरने का सिलसिला जारी है। वहीं गौ-शाला को सरकार 10 लाख 62 हजार रुपए अनुदान मिला था तथा गौ-शाला ने 15 बीघा जमीन हाल ही में गायों के लिए खरीदी है।

28 बीडी में मंगलवार को दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे जिन्होंने उपखण्ड अधिकारी के सामने मांग रखी कि 10 बीडी की गौ-शाला की मान्यता रद्द कर गायों को दूसरी गौ-शाला में भेजा जाए, गायों की मौत के कारण गौ-शाला के पदाधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर कार्यवाही नहीं होती है तो उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

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