बीकानेर श्रीकोलायत। ‘राष्ट्र और मानव विकास के लिए समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए उनके अधिकारों के बारे में जानना महत्वपूर्ण हैं। इसी ज्ञान के लिए शिक्षा दी जाती है। लोगों को शिक्षा की ओर प्रेरित करने के लक्ष्य के तहत साक्षरता दिवस मनाया जाता है। जिसमें विश्व के तमाम देश वयस्क शिक्षा और साक्षरता की दर को बढ़ाने के लिए इस दिन को खासतौर पर मनाते हैं’ यह उद्बोधन आज विश्व साक्षरता दिवस पर आयोजित साक्षरता एवं स्वावलंबन संवाद कार्यक्रम में भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सौजन्य से एवं बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति, बीकानेर द्वारा संचालित जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर द्वारा ग्राम पंचायत श्रीकोलायत परिसर में स्थित जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर के विस्तार भवन में श्रीकोलायत ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती धन्नी देवी पंवार ने कही।
श्रीमती पंवार ने कहा कि वर्तमान समय में अक्षर ज्ञान के साथ-साथ आत्मनिर्भरता भी जरूरी है। साक्षरता के क्षेत्र में हमने काफी सफलता प्राप्त कर ली लेकिन अभी हमें आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में बहुत काम करने की आवश्यकता है और इस कार्य के लिए जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर बहुत ही सार्थक कार्य कर रहा है।
इस मौके पर कार्यक्रम अधिकारी महेश उपाध्याय ने बताया कि साक्षरता गणना 2011 के आधार के आधार पर हमारे देश की साक्षरता दर 65.13 प्रतिशत है जिसमें 75.90 पुरूष साक्षरता तथा 53.23 महिला साक्षरता दर है। श्रीकोलायत की बात करें तो कुल साक्षरता दर 56.59 है। जिसमें पुरूषों की साक्षरता दर 68.90 जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 42.70 है। इस साक्षरता दर में बीते समय में काफी बढ़ोतरी हुई है। साथ ही श्री उपाध्याय ने कहा कि हमें साक्षरता की निरन्तरता को बनाए रखने के साथ-साथ कौशल विकास के कार्यक्रमों को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का कार्य करना चाहिए। भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सौजन्य संचालित जन शिक्षण संस्थान द्वारा विभिन्न प्रकार के कौशल प्रशिक्षण जिले भर में संचालित किए जा रहे है। साथ ही इस प्रशिक्षण केन्दों में साक्षरता, जीवन कौशल शिक्षा, सामाजिक चैतना की गतिविधियां आदि समय-समय पर आयोजित की जाती है।
कार्यक्रम का संयोजन करते हुऐ कार्यक्रम सहायक उमाशंकर आचार्य ने कहा कि आज भी कई ढ़ाणी और गांव ऐसे है जहां साक्षरता की अलख जगाने की जरूरत है। इस ओर आम जन की भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। आचार्य ने कहा कि साक्षरता शब्द साक्षर से आया है, जिसका अर्थ होता है, पढ़ने और लिखने में सक्षम। विश्व के सभी देशों में समाज के हर वर्ग तक शिक्षा के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत की गई।
इस अवसर पर संस्थान द्वारा पूर्व में संचालित प्रशिक्षण केन्द्रों के प्रमाण-पत्र मुुख्य अतिथि श्रीमती धन्नी देवी पंवार के कर कमलों से वितरित किए गए।
समाजसेवी एवं गौसेवक लक्ष्मण पुरोहित ने संस्थान के कार्यक्रमों की तारीफ करते हुए कहा कि श्रीकोलायत में संस्थान द्वारा कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से युवतियों को लाभान्वित किया जा रहा है।
संदर्भ व्यक्ति सुरमिला कामड़, सुषमा पुरोहित और काजल के साथ-साथ प्रशिक्षणार्थियों में से वैदिका, अमनदीप, ट्विकल, सोनाक्षी रेखा और राजू ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम सहायक तलत रियाज़ ने आगन्तुकांे का आभार व्यक्त किया। संस्थान के विष्णुदत मारू का भी सक्रिय योगदान रहा।