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जयपुर,पार्टी नेताओं की एकजुटता के चलते कर्नाटक चुनाव में जीत का परचम लहराने वाली कांग्रेस अब राजस्थान में भी इसी फॉर्मूले पर अमल करने जा रही है। इसके तहत नेताओं के बीच मनभेद और मतभेद भुलाकर उन्हें एक जाजम पर लाने की कवायद शुरू की गई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी शनिवार को नेताओं के बीच आपसी मनमुटाव दूर कर सुलह कराने के संकेत दिए।

रंधावा का कहना है कि सभी नेताओं को एक जाजम पर लाकर उनके मनभेद और मतभेद दूर किए जाएंगे।इधर रंधावा के बदले हुए सुर के भी कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कर्नाटक चुनाव में जीत से पहले सचिन पायलट पर तीखे तेवर दिखाने वाले रंधावा के इस बयान को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं।

धुर-विरोधी नेताओं के भी मनमुटाव दूर करने का प्रयास
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने धुर विरोधी नेताओं के बीच मनमुटाव दूर कर सुलह कराने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। बीकानेर जिले में एक-दूसरे के धुर विरोधी माने जाने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी और कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल के बीच मतभेद और मनभेद को दूर करने का प्रयास किया गया।

प्रदेश कांग्रेस की ओर से दोनों नेताओं की एक फोटो भी जारी की गई थी जिसमें दोनों नेता एक-दूसरे को मिठाई खिलाते नजर आ रहे हैं। भीलवाड़ा से आने वाले कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर के बीच में अदावत जगजाहिर है। दोनों नेताओं के बीच मनमुटाव दूर करने का प्रयास किया गया।मनमुटाव- गुटबाजी पड़ सकती है भारी सूत्रों की माने तो सत्ता और संगठन की ओर से कराए गए आंतरिक सर्वे में यह बात निकलकर सामने आई है कि गुटबाजी और मनमुटाव चुनाव में भारी सकता है, लिहाजा इस पर लगाम लगाने पर फोकस किया जाए, जिसके बाद पार्टी में उच्च स्तर तय हुआ है शीर्ष नेताओं से लेकर निचले स्तर नेताओं-कार्यकर्ताओं में सुलह के प्रयास किए जाएं।

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