बीकानेर,सूफ़ी फ़ैज़ मोहम्मद फ़ैज़ परिवार द्वारा मरहूम शायर फ़ैज़ मोहम्मद ‘फ़ैज़’ की याद में राज्यस्तरीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा स्थानीय महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम नागरी भण्डार मैं कामयाबी के साथ संपन्न हुआ। जिसमें प्रदेश के बेहतरीन शायरों ने अपने उम्दा कलाम से समा बांध दिया।
कार्यक्रम आयोजक कवि शमीम अहमद ‘शमीम’ ने बताया कि इस कवि सम्मेलन एवं मुशायरे की अध्यक्षता नगर के वरिष्ठ राजस्थानी कवि कथाकार कमल रंगा ने की। कमल रंगा ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि सूफ़ी फ़ैज़ मोहम्मद फ़ैज़ परिवार की तरफ से आयोजित फ़ैज़ का दरिया कवि सम्मेलन मुशायरा एक यादगार कवि सम्मेलन और मुशायरा रहा। ख़ासतौर से नई पीढ़ी के नौजवान शायरों ने जदीद शायरी के रंग से माहौल में एक अलग तरह की कैफ़ीयत पैदा कर दी। रंगा ने अपनी भाव प्रधान राजस्थानी कविता प्रस्तुत करके मां के प्रति श्रद्धा व्यक्त की।
कवि सम्मेलन मुशायरा के मुख्य अतिथि वरिष्ठ उर्दू शायर ज़ाकिर ‘अदीब’ ने सूफ़ी फ़ैज़ मोहम्मद फ़ैज़ का कलाम सुनाया साथ ही अपने ताजा कलाम से श्रोताओं को महज़ूज़ किया।
कवि सम्मेलन और मुशायरे के विशिष्ट अतिथि बीकानेर के पूर्व महापौर हाजी मक़सूद अहमद ने कहा कि शायर और कवि क़ौमी एकता की बातों से देश के सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा दे रहे हैं। मकसूद अहमद ने अपनी ग़ज़ल के इस शहर से भरपूर तारीफें पाई दूरियां मिटाना है,कुर्बतें बढ़ाना है/ आज हमको ऐसा इन्क़लाब लाना है।
फ़ैज़ का दरिया के आयोजक कवि शमीम अहमद शमीम ने ‘मम्मी का प्यार… हर मर्ज़ की दवा’ कलाम सुना कर ख़ूब तालियां बटोरी।
कार्यक्रम संयोजक शायर कहानीकार क़ासिम बीकानेरी ने याद आती है वतन की हमको/जब भी उस पार से ख़ुश्बू आए’ के ज़रिए रोजगार के लिए विदेश गए लोगों के दर्द को बख़ूबी बयान किया।
फ़ैज़ का दरिया राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन मुशायरे में जयपुर के शायर इमरान क़ैस, जयपुर के नौजवान शायर इब्राहिम अली ‘ज़ीशां’, दौसा के शायर फ़ैसल इब्ने अहमद, जयपुर के शायर शाहबाज हुसैन और जयपुर के नौजवान शायर सादिक़ ‘गोया’ अपनी एक से बढ़िया एक ग़ज़लें सुना कर श्रोताओं से भरपूर वाह वाही पाई । जयपुर और दौसा के शायरों की जदीद शायरी सुनकर श्रोता दाद पर दाद देते रहे और शायरों की भरपूर हौसला अफ़ज़ाई करते रहे। कवि सम्मेलन मुशायरा में नगर के हिंदी उर्दू एवं राजस्थानी भाषा के चुनिंदा कवियों कवियत्रियों और शायरों ने भी अपना बेहतरीन कलाम पेश किया और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुशायरे में शायर इरशाद अज़ीज़, बुनियाद ज़हीन, मुफ़्ती अशफ़ाक़ ग़ौरी उफ़क़, मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफ़ी, क़ासिम बीकानेरी, शमीम अहमद शमीम, डॉ. ज़ियाउल हसन क़ादरी, कवयित्री सरोज भाटी, वली मोहम्मद ग़ौरी, जुगलकिशोर पुरोहित, सरदार अली पड़िहार, अमित गोस्वामी, असद अली असद, सागर सिद्दीक़ी, युवा कवि विप्लव व्यास,जब्बार जज़्बी,वरिष्ठ कवयित्री मोनिका गौड़ एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाकर कवि सम्मेलन मुशायरे को परवान चढ़ाया।
कवि सम्मेलन व मुशायरे की शुरुआत तिलावते कलाम पाक से शायर वली मोहम्मद ग़ौरी ने की तो मां शारदे की वंदना वरिष्ठ कवयित्री सरोज भाटी ने प्रस्तुत की।
मुशायरे के अतिथियों एवं कलाम पेश करने वाले सभी रचनाकारों को सूफ़ी फ़ैज़ मोहम्मद फ़ैज़ परिवार की तरफ से माल्यार्पण, शॉल और मोमेन्टम भेंट करके स्वागत सम्मान किया गया।
कवि सम्मेलन मुशायरे में अनेक प्रबुद्ध जन मौजूद थे जिनमें कवि संजय पुरोहित,व्यंग्य लेखक आत्माराम भाटी संस्कृति कर्मी डॉ. मोहम्मद फ़ारुक़ चौहान, सिमरन बानो, हुस्ना बानो,मोहम्मद तारीक भाटी, गिरिराज व्यास गंगा विशन बिश्नोई,प्रेम नारायण व्यास, मनफूल मंगलिया, मुनींद्र अग्निहोत्री, डॉ. अजय जोशी फ़ज़लुनिशा,मुख़्तियार चौहान, गुलफ़ाम हुसैन आही, ज्योति प्रकाश रंगा, ज़ीनत सैयद, सुल्ताना बानो, शमशाद बानो, यास्मीन बानो, संजय सांखला, योगेश राजस्थानी, गोपाल पुरोहित,अरमान अली,गोपाल गौतम, मधुरिमा सिंह, मोहम्मद यासीन,मोहम्मद इस्हाक़ ग़ौरी, छगनलाल, अलीशा बानो, रुख़साना बानो, नगेंद्र सिंह,आसुराम मोदी, केदारनाथ नत्थू खान मोहनलाल चौधरी, रशीद अहमद, अनीक अहमद, समीर अहमद मौजूद थे।
स्वागत भाषण बाल कल्याण समिति की सदस्य हाज़रा बानो ने दिया। आभार नज़मा बेगम ने ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन शायर क़ासिम बीकानेरी और जयपुर के नौजवान शायर शाहबाज़ हुसैन ने संयुक्त रूप से किया।