बीकानेर.एक तरफ राज्य सरकार जनता को राहत पहुंचाने के लिए महंगाई राहत शिविरों का आयोजन कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार के ही जिम्मेदार महकमे सरकार के प्रयासों को पलीता लगाते दिख रहे हैं.
मामला विद्युत वितरण निगम कंपनियों की लापरवाही का है. राज्य सरकार ने कई बड़े प्रोजेक्ट में मोटा पैसा खर्च कर ग्रामीण इलाकों में पेयजल की सभी तैयारियां पूरी कर दी हैं, लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी भीषण गर्मी में गांववालों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसा रहे हैं.
केन्द्र और राज्य सरकार जल जीवन मिशन योजना के तहत गांववालों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं. जल विभाग ने ग्रामीण इलाकों में जल जीवन मिशन योजना में कई प्रोजेक्ट पूरे कर दिए हैं. इन प्रोजेक्ट में पेयजल के लिए ट्यूबवैल का निर्माण कर दिया गया है. क्लीयर वॉटर रिजर्वायर बना दिए गए हैं और ग्रामीण इलाकों में पेयजल सप्लाई के लिए पाइप लाइनें भी बिछा दी गई हैं.
गाइडलाइन के बाद भी काम नहीं
जल जीवन मिशन प्रोजेक्ट की गाइडलाइन के अनुसार योजना पुरी होने के बाद 8 महीने के अंदर पेयजल सप्लाई शुरू करना अनिवार्य है. लेकिन, हैरानी की बात ये है कि करीब आठ महीने से पेयजल प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद भी ग्रामीण इलाकों में एक बूंद पानी की सप्लाई नहीं की गई है. जलदाय विभाग द्वारा प्रोजेक्ट पूरा करने के बाद बिजली विभाग के पावर कनेक्शन के लिए आवेदन किए गए हैं, लेकिन बिजली कंपनियां गांवों में पेयजल परियोजनाओं के लिए कनेक्शन उपलब्ध नहीं करवा रही हैं. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता रमेश चंद्र मीणा ने कहा है कि अकेले जयपुर जिले के पचास फीसदी से ज्यादा गांव जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद पावर कनेक्शन का इंतजार कर रहे हैं. जलदाय विभाग ने छह महीने पहले ही बिजली कनेक्शन के लिए करोड़ों रुपए की राशि के डिमांड ड्राफ्ट बिजली कंपनियों को जमा करवा दिए हैं, लेकिन बिजली कंपनियां ग्रामीण इलाकों में पेयजल परियोजनाओं को पावर कनेक्शन नहीं दे रही हैं.
पुराने कनेक्शन हटाने के बाद भी नहीं मिले नए कनेक्शन
जलदाय विभाग के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान के अधिकांश जिलों में पेयजल परियोजनाओं के लिए पावर कनेक्शन पर बिजली कंपनियों ने ब्रेक लगा दिया है. सरकार की नाक के नीचे जयपुर जिले में ही ग्रामीण इलाकों में अब पेयजल की किल्लत मचने लगी है. कोटपुतली, शाहपुरा, विराटनगर सहित पूरे जयपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में पेयजल सप्लाई दो साल से पूरी तरह ठप है. पहले इन गांवों में पंचायती राज ग्रामीण विकास विभाग के अधीन चलने वाली जनता जल योजना के तहत पानी की सप्लाई की जाती थी, लेकिन सरकार ने जनता जल योजना को बंद कर जलदाय विभाग की जल जीवन मिशन में शामिल कर लिया. बिजली कंपनियों ने जनता जल योजना के सभी कनेक्शन को हटा दिए और अब जलदाय विभाग को नए कनेक्शन जारी नहीं कर रहा है. भूजल संकट से ग्रस्त जयपुर जिले के ग्रामीण इलाकों से बिजली कंपनियों ने भारी भरकम डिमांड नोटिस भेजकर पैसा वसूल लिया है, लेकिन अब पावर कनेक्शन के नाम पर ग्रामीण इलाकों से दूरी बना ली है. जयपुर जिले के 130 गांव-ढाणियों में 244 कनेक्शन को बिजली कंपनियों ने महीनों से ठंडे बस्ते में डाल रखा है, जिसके कारण 25 हजार से ज्यादा परिवारों की पानी सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई है.
जयपुर जिले के 130 गांव पेयजल संकट से जूझ रहे
राजधानी जयपुर के 130 गांव-ढाणियां पिछले आठ महीनों से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. इसमें कोटपुतली – पाथरेड़ी, भोनावास, दांती, श्यामनगर, खुर्दी, सुजतनगर, मोहनपुरा, महरामपुर, खेड़ा निहालपुरा, अजीतपुरा, कुजोता, भोजावास, जगदीशपुरा, चिमनपुरा, बैनाड़, पनेड़ा, शाहपुरा – देवीपुरा, बिसनगढ, उदावाला, कल्याणपुरा, कलवानियों का बास, गौनपुरा दांयवाली, पटेल नगर, हनुतिया, शेरपुरा, बिदाड़ा, विराट नगर- लुहाकना कलां, भैंरपुरा, सोतना, इस्माइलपुर, भोजेरा, सूरपुरा, छिटौली, पुरावाला-मालीवाला छिंद, बास उदय सिंह, भमोद, सतना, जोगी ढाणी, सैवर, छतरपुरा, नाथावाला, रघुनाथ पुरा, चिमनपुरा, नीमली, तावला, बादशाहपुरा, चिमनपुरा, अमरपुरा, देवीपुरा, बडौ़दिया, बीलवाड़ी, बियावास, खोरा लड़खानी, चाक चमरौली, आदर्श नगर, किरारोड़, कल्याणपुरा, पांच पहाड़ी, केरोड़ी, भीवजी, ठिकरिया, हीर की बावड़ी शामिल हैं.
कनेक्शन पेंडेंसी की नहीं कोई जानकारी
बहरहाल चुनावी साल में सरकार महंगाई राहत कैंपों में लोगों को देने की कोशिश कर रही है, लेकिन तेज तपती धूप में ग्रामीण इलाकों में पेयजल की किल्लत और बिजली विभाग के अधिकारियों की मनमानी सरकार के इस प्रयासों पर पानी फेर रही है. वहीं विद्युत कंपनियों के चेयरमैन भास्कर सावंत ने कहा है की पेयजल परियोजनाओं के कनेक्शन की पेंडेंसी की उन्हें जानकारी नहीं हैं, इस संबंध में जल्द ही विभागीय बैठक बुलाकर अधिकारियों को जल्द से जल्द पेयजल योजनाओं को हर हाल में पावर कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे.