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बीकानेर,शनिवार को कृषि विज्ञान केन्द्र पोकरण ने कृषक गोष्ठी का आयोजन प्रशिक्षण सभागार में किया गया जिसमे 35 कर्षक महिलायें एवं युवा किसानों ने भाग लिया । कार्यक्रम रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झासी उत्तर प्रदेश के कुलपति डॉ ए के सिंह और स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति डॉ अरुण कुमार की गरिमामय उपस्थिति में आयोजित किया गया । किसान गोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ ए के सिंह ने बताया कि पशुपालन और कृषि क्षेत्र के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिये नवीन और व्यावसायिक रूप से व्यवहारिक एवं वैज्ञानिक हल को तलाशने पर जोर देते हुये किसान उत्पादन संगठन बनाकर स्मार्ट खेती करके आमदनी को बढाने पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की । उन्होंने कृषि की नवीनतम तकनीकी को खेत में अपनाकर कम क्षेत्रफल में अधिक पैदावार एवं कृषि उत्पादों का मूल्य सवर्धन करके एग्री स्टार्ट अप और सरकार द्वारा अनुदानित योजनाओं का लाभ लेने पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम में डॉ अरुण कुमार ने बकरीपालन, भेड़ पालन, पशुपालन, नस्ल सवर्धन, दुग्ध प्रसंसकरण, मोटे अनाजो के उत्पाद जैसे बाजरे के बिस्कुट, खाखरे, केक पेस्टी , पापड़, इत्यादि को बनाकर बाजार में क्रय करके महिलाये आमदनी का जरिया निकालकर अपनी आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित कर सकती है । उन्होंने महिला कृषको को केंद्र से अधिक से अधिक जुड़कर कृषि वैज्ञानिको द्वारा आयोजित होने वाले व्यावसायिक प्रशिक्षण से लाभ उठाने की बात कही । निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ सुभाष चन्द्र ने जलवायु अनुकूल फसले, अधिक पैदावार वाली किस्मों का चयन, कम पानी वाली फसलो, बागवानी, अनार, बेर आदि को किसान अपनाकर कम लागत में अधिक उत्पादन लेने की बात कही । साथ ही केंद्र द्वारा प्रसारित तकनीकी, परामर्श, मौसम आधारित खेती का समय से भरपूर फायदा उठाकर कृषि आजीविका में अपनी भागीदारी बढाने की बात कही । कार्यक्रम में केंद्र के प्रभारी डॉ बलबीर सिंह ने रेगिस्तान में प्राकृतिक खेती, जैविक खेती एवं पारम्परिक तौर तरीको को अपनाकर अपनी फसलों का कम संसाधनों में अधिक से अधिक एवं गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त कर सकने की बात कही । कार्यक्रम का संचालन केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ राम निवास, डॉ के जी व्यास एवं सुनील शर्मा ने किया । कृषक गोष्ठी में ग्राम दुधिया से जोगा राम, निम्बा राम, दीपा राम, ग्राम एका से ओम सिंह एवं ग्राम गोमट से गीता देवी, दुर्गा देवी इत्यादि किसान मोजूद रहे ।

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