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बीकानेर,सचिन पायलट का नया दाव गहलोत के लिए फिर चेलेंज है। अजमेर से जयपुर पद यात्रा में जोश खरोस है। कांग्रेस के दो दिग्गजों का सत्ता में खुद को बनाए रखने का जंग रूस यूक्रेन के दावपेंजो की तरह पहेली बना हुआ है। परिणीति को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। जसरासर (बीकानेर) में सचिन खेमे के रामेश्वर डूडी का अशोक गहलोत के समर्थन में किसान सम्मेलन के शक्ति प्रदर्शन को बैलेंस करने के लिए 6 मई को बाड़मेर में सचिन के समर्थन में हेमा राम चौधरी ने गहलोत को आईना दिखाया। जोर आजमाइश का खेल पद यात्रा के रूप में चल रहा है। इधर बीजेपी राजस्थान में अलग ही संकट से गुजर रही है। इस बीच राजस्थान की भावी राजनीति को लेकर यह कयास लगाया जा रहा है। पायलट किरोड़ी लाल मीणा, हनुमान बेनीवाल, भीम आर्मी चंद्रशेखर और सपा के साथ मिलकर अगले चुनावों में किंग मेकर बन सकते हैं। ऐसे प्रस्ताव बेनीवाल और मीणा दे भी चुके हैं,जबकि सचिन के समर्थक कह रहे हैं कि न वो पार्टी छोड़ेंगे और न ही नई पार्टी बनाएंगे। कांग्रेस में रहकर ही अपना वजूद मुख्यमंत्री के रूप में उभारेंगे। कयासों के बाजार में गहलोत पायलट के मुद्दे पर एआईसीसी के स्तर पर शीघ्र कदम उठाए जाने उम्मीद भी है। खेर क्या होगा समय ही बताएगा फिलहाल शक्ति तो चलता ही रहेगा। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने कर्नाटक चुनाव के बाद जादुई पोटली खुलती नजर आती है। वसुंधरा राजे, विरोधी गुट और केंद्रीय नेतृत्व का अगला कदम ही बताएगा कि भाजपा की राजनीति क्या करवट लेगी। पूरा राजस्थान सत्ता के मकद्लमें उलझा हुआ है। भाजपा और कांग्रेस के गुटों ने चौपड़ बिछाई है। पासे फेंके जाने हैं। गोटी कहां फिट होती है जल्द ही सामने आने वाला है।

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