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बीकानेर,बीते तीन साल से नहरबंदी में शहर की करीब साढ़े सात लाख आबादी की प्यास शोभासर में बने 1500 एमएलडी और बीछवाल में 1475 एमएलडी का वाटर रिजर्व वायर सेंटर से बुझ रही है।

इन दाेनाें जलाशयाें से सिर्फ 15 दिन की ही पूर्ति हाेती है लेकिन 2050 तक की आबादी प्यास बुझाने के लिए बन रहे दाे नए जलाशय अगले साल तक तैयार हाे जाएंगे। इसलिए अगले सात तक 30 दिन के जल भंडारण की क्षमता बीकानेर विकसित कर लेगा।

दरअसल 2019 से पहले भी नहरबंदी हाेती थी लेकिन वाे सिर्फ 15 दिन के लिए। शहर में 15 से 18 दिन के जल भंडारण की क्षमता थी इसलिए काेई असर नहीं हाेता था। पंजाब में करीब 110 किलाेमीटर नहर की मरम्मत के लिए 2020 से नहरबंदी 60 से 70 दिन के बीच हाेने लगी। इसलिए किल्लत बढ़ गई क्याेंकि 15 दिन के पानी से करीब 30 से 35 दिन प्यास बुझानी पड़ रही है।

खबर है कि तीन साल की नहरबंदी हाेने के बाद भी इस साल मरम्मत का काम पूरा नहीं हाे पाएगा और अगले साल भी नहरबंदी हाेगी लेकिन अगले साल बीकानेर पर नहरबंदी का असर इसलिए कम हाेगा क्याेंकि तब शहर में दाे नए जलाशय बनकर तैयार हाे जाएंगे। फिलहाल बीछवाल और शोभासर में 40-40 एमएलडी क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट है जिनकी क्षमता 2022 तक की आबादी की प्यास बुझाने लायक थी। अब बीछवाल में 2500 एमएलडी का एक और जलहौज बन रहा है। इसी तरह शाेभासर जलाशय के पास 3000 एमएलडी का नया जलाशय बनेगा। दाेनाें जगह दाे-दाे जलाशय हाेने से एक महीने तक नहरबंदी का काेई असर नहीं हाेगा।

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