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बीकानेर,अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि शंकर धाभाई ने आज एक मांग पत्र माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवम मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को भेजकर है जिसमे उन्होंने उनकी जानकारी में एक ज्वलंत मुद्दा के बारे में जिक्र किया है और उनसे निवेदन किया है कि तुरंत प्रभाव से एक उच्च स्तर पर एक कमेटी गठित कर इस समस्या का निवारण प्रेम, भाईचारे शांतिपूर्ण तरीके से किया जाए । क्योंकि कि जैन तीर्थ गोमटगिरी के पास में ही गुर्जर समाज के आराध्य भगवान देवनारायण का मंदिर है इस देव धर्म टेकरी के नाम से भी जाना जाता है मंदिर लगभग 1000 साल पुराना बताया जाता है इस मंदिर पर आने जाने के लिए जो रास्ता है वह भी अभी कच्ची पार्टी का रास्ता है फिर भी समाज जन जैसे तैसे यहां पर आकर पूजा-पाठ और धार्मिक आयोजन करते हैं गुर्जर समाज विगत काफी समय से यहां पर रास्ता बनाने की कोशिश कर रहा है लेकिन यहां पर जैन समाज की ओर से विरोध के कारण जिस रास्ते का निर्माण नहीं हो पाया है।

जयपुर के सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई ने बताया कि रास्ते के जमीन विवाद को लेकर इंदौर में चार साल बाद एक बार फिर दिगंबर जैन समाज और गुर्जर समाज आमने-सामने हो रहे हैं। आप गुर्जर समाज के बारे में जानते है कि गुर्जर समाज एक वीर एवम वफादार कोम है आज भी देश की रक्षा के लिए पहली पंक्ति में रहता है देश की आजादी में भी गुर्जर समाज का सक्रिय योगदान है । गुर्जर समाज द्वारा देवनारायण मंदिर तक जाने के लिए सीढ़िया बनाने के लिए चुने की लाइन डालने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। उनका कहना है कि चूने की लाइन तीर्थक्षेत्र की जमीन पर डाली गई जबकि गुर्जर समाज का कहना है कि टेकरी पर समाज का प्राचीन मंदिर है और वहां जाने के लिए सीडियां बनाई जानी है। इसके लिए चूने से लाइन डाली गई है। गुर्जर समाज का इतना ही कहना है कि श्री देवनारायण मंदिर के ठीक सामने उपयुक्त रास्ता छोड़ कर जैन समाज द्वारा बाउंड्री दीवार बनाई जाए ना कि श्री देवनारायण जी के मंदिर का रास्ते रोक कर। जैन समाज को तो आगे होकर गुर्जर समाज से गले लगाकर और गुलाब एवम कमल का फूल देकर जैन मंदिर से ही रास्ता देकर गुर्जर समाज का स्वागत एवम अभिनंदन कर पूरे देश मे एक मानवता की मिसाल कायम की जानी चाहिए ना कि उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुचानी चाहिए। 28 जनवरी 2023 को प्रधानमंत्री महोदय द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में श्री देवनारायण मंदिर धार्मिक स्थल पर राजस्थान में पधारे थे। गुर्जर समाज सिर्फ प्रेम का भूखा है और बहादुर कोम है । मुझे गर्व है कि इस गुर्जर समाज के लोग एवम सपूत भारत देश की सुरक्षा एवम रक्षा के लिए आए दिन अपने प्राण न्योछावर कर शहीद होते रहते है ।

समाज सेवी रवि शंकर धाभाई ने आगे कहा कि गोम्मगिरि ट्रस्ट द्वारा भगवान श्री देवनारायण जी के मंदिर के सामने वाले रास्ते को बंद कर बाउंड्रीवाल बनाना चाह रहे है इसी कारण इसे लेकर पूरे देश भर के गुर्जर समाज के समाज में रोष है। इन दिनों बड़ी संख्या में गुर्जर समाज जनों के साथ ही साधु संत भी देवनारायण मंदिर पर पहुंचे और उन्होंने रास्ता बंद करने को गलत ठहराया है संत जनों ने कहा है कि कभी भी मंदिर के पीछे से रास्ता नहीं होता है हमेशा मंदिर के सामने से रास्ता होता है ऐसे में लगभग 36 समाजों के आराध्य भगवान देवनारायण जी के मंदिर का रास्ता भी सामने से ही है किंतु बाउंड्री की दीवार बनाने के प्रयासों से भगवान के मंदिर मार्ग /रास्ते को बंद किया जा रहा है जिसका समूचा गुर्जर समाज विरोध कर रहा है । गुर्जर समाज किसी भी समाज या धर्म से कोई विरोध नही है लेकिन गुर्जर समाज के प्रिय आराध्य श्री देवनारायण जी रास्ते को बंद किये जाने को देश भर का गुर्जर बिरादरी बर्दाश्त नही करेगा।

धाभाई ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि श्रीमान जी आप को ज्ञात है की टेकरी पर भगवान देवनारायण का प्राचीन मंदिर है। और भगवान श्री देवनारायण जी मे सर्व समाज की आस्था एवम विश्वास है इसलिए आपसे विन्रम निवेदन है की इस मुद्दे को तुरंत प्रभाव से समाधान किया जाए जिससे दोनों समाज मे कटुता की जिंगरी ना सुलगे । और प्रदेश एवम देश मे भाईचारे का एक अच्छा संदेश जाए और अमन, चैन शांति सदभावना सदैव बनी रहे ।

भगवान महावीर ने दुनिया को जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत बताए, जो हैं- अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य। सभी जैन मुनि, आर्यिका, श्रावक, श्राविका को इन पंचशील गुणों का पालन करना अनिवार्य है। जैन समाज सदैव बुद्धम शरणम गच्छामि एवम उनके द्वारा एक चींटी भी नही मरे के और सदैव अहिंसा के नियम को पालन करते है । गुर्जर समाज जैन समाज का मान सम्मान करता है और करता रहेगा।

इस स्थान पर देवनारायण मंदिर के होने से इसका नाम देवधरम टेकरी है। टेकरी पर भी पुराना मंदिर है। वहां तक पहुंचने के लिए हम सीडियां बनाना चाहते हैं। स्थानीय गुर्जर बिरादरी का कहना है कि यदि हमें रोका गया तो प्रदर्शन किया जाएगा। इसलिए समय रहते ही इन परिस्थितियों में धर्म गुरुओं की आम सभा बुलाकर बीच का रास्ता प्रशासन , राज्य सरकार एवम केंद्र सरकार को तुरंत प्रभाव से निकालना चाहिए और इस समस्या का ठोस उपाय श्री देवनारायण जी के मंदिर जाने का रास्ता छोड़ कर बाउंड्री दीवार का निर्माण सम्मानित जैन समाज कर ले गुर्जर समाज को कोई भी आपत्ति नही होगी।

गोमटगिरी पर्वत पर गुर्जर समाज के अराध्य देवरानारायण का मंदिर है। समाज ने मंदिर तक पहुंचने के लिए सीडियां बनाने की तैयारी की है। उसके लिए जमीन पर चूने की लाइन डाल दी गई। उस जमीन को गोमटगिरी ट्रस्ट अपनी बता रहा है। उन्होंने भी बाउंड्रीवाल बनाने की तैयारी कर ली है।

टेकरी पर देवनारायण का प्राचीन मंदिर है। देवधरम टेकरी का नाम भी इसी वजह से है। टेकरी पर भी श्री देवनारायण जी का पुराना मंदिर है। वहां तक पहुंचने के लिए गुर्जर समाज सीडियों का निर्माण करना चाहते है।

धाभाई ने अपने पत्र में अनुरोध किया कि है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर सर्व समाज के लोक देवता श्री देवनारायण जो कि विष्णु भगवान के अवतार है के लिए आम रास्ता
प्रशासन एवम पुलिस की मौजूदगी में निकलवा का इस तनाव वाले मुद्दे का शांति पूर्वक एवम भाईचारे, सदभावना की भावना के साथ निपटारा युद स्तर पर किया जाए। और इस पावन एवम पवित्र कार्य मे जैन समाज को विरोध दर्ज नही करना चाहिए। और आगे आकर इस धर्म के मार्ग के लिए आम रास्ता बनाने में सहयोग और मदद करनी चाहिए । जैन समाज को समझाने की आवश्यकता है यह मामला है धार्मिक आस्था से संबंधित है और किसी खेत मे से रास्ता निकालने वाली समस्या नही है यह सर्व समाज की 36 जाति जो कि प्रभु श्री देवनारायण जी की आराधना एवम पूजा करने ले लिए इस रास्ते का इस्तेमाल करना चाहते है इसलिए मानवीय और भगवान बुद्ध के सिद्धांतों पर चलते हुए सीढ़िया और रास्ता निकालने में गुर्जर समाज का साथ और मदद का हाथ बढ़ाना चाहिए और गंगा जमुना की तहजीब / संस्कृति को दर्शाना चाहिए।

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