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बीकानेर,राज्य सरकार भले ही जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करे, लेकिन जमीनी स्तर पर सरकारी अस्पतालों का बुनियादी ढांचा जर्जर स्थिति में है. संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में डेढ़ साल से हार्ट सर्जरी नहीं हो रही है।

कैंसर सेंटर में लगा गामा कैमरा पिछले दस साल से खराब पड़ा है। गांवों में डॉक्टरों के आधे पद खाली पड़े हैं। हल्दीराम मूलचंद गवर्नमेंट कार्डियो वैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर को कार्डियोवस्कुलर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की घोषणा पिछले साल बजट में की गई थी। अभी तक नहीं बना सका।

क्योंकि हार्ट सर्जन के चार पदों में से दो पद रिक्त हैं। दो सर्जनों में से एक सवा साल से छुट्टी पर है। हैरान करने वाली बात यह है कि यह सर्जन यहां के एक निजी अस्पताल में सेवाएं दे रहा है। हर महीने 15 से 20 मरीज बाईपास सर्जरी के लिए हार्ट अस्पताल आते हैं, लेकिन उन्हें जयपुर या दिल्ली जाना पड़ता है। ऐसा ही हाल देश के 13वें शासकीय तुलसी कैंसर अनुसंधान केंद्र और प्रदेश के एक मात्र का है। कैंसर का पता लगाने वाला गामा कैमरा दस साल से खराब पड़ा है। पिछले दस वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में 67 नए स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं, लेकिन चिकित्सक व स्टाफ की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं.

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