बीकानेर,सीमा सुरक्षा बल ने दुश्मनों की हर कोशिश को नाकाम करने के लिए सुरक्षा को और अधिक कड़ी करने का फैसला किया है। पाकिस्तान से सटी राजस्थान की सीमा पर चौकसी के लिए अब ऊंट गाड़ियों का उपयोग होगा।
इसके लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारी और जवान गांवों में जाकर ऊंट गाड़ियों की खरीद में जुटे हैं।
हर ऊंट पर 6 जवान होंगे सवार
सीमावर्ती इलाकों में सड़कों का जाल बिछने के बाद अधिकांश किसानों ने ट्रेक्ट्रर खरीद लिए हैं। उनकी ऊंट गाड़ियां अब बेकार हो गई है। अब इन ऊंट गाड़ियों को बीएसएफ खरीद रही है। आवश्यक सुधार के बाद ऊंट गाड़ियों पर मोर्टार सहित अन्य हथियार रखे जाएंगे । प्रत्येक ऊंट गाड़ी पर छह जवान सवार होकर सीमा की सुरक्षा करेंगे । कुछ गाड़ियां तो तैयार होने के बाद काम में ली जाने लगी है। बीएसएफ ने हाल ही में 177 ऊंट खरीदे हैं।
इन जिलों से खरीदे गए हैं ऊंट
ये ऊंट राजस्थान के ही जैसलमेर, बाड़मेर,जोधपुर और बीकानेर जिलों के किसानों से खरीदे गए हैं। इनमें से अधिकांश ऊंटों को पूरी तरह से ट्रेनिंग दे कर सीमा पर तैनात कर दिया गया है। जवान ऊंटों पर सवार होकर सीमा की चौकसी कर रहे हैं। अब शेष ऊंटों को गाड़ियों के साथ जोड़ा जाएगा जिन पर बैठकर जवान पहरा देंगे। पाकिस्तान से सटी राजस्थान की 1070 किलोमीटर की सीमा रेगिस्तानी होने के कारण ऊंट काफी फायदेमंद साबित हो रहा है।
सीमापार की गतिविधियां पर होगा पैनी नजर
रेगिस्तान के जहाज के नाम से देश के प्रसिद्ध ऊंट बीएसएफ के लिए फायदेमंद साबित होने के प्रमुख कारणों में इसके रेत में चलने की क्षमता के साथ ही ऊंचाई भी है। ऊंट की ऊंचाई नौ से ग्यारह फीट होती है। ऐसे में ऊंट पर सवार होकर जवान आसानी से सीमापार की गतिविधियां देख सकते हैं। अब तक जवान भारी हथियार अपने कंधों पर रखकर ड्यूटी करते थे। लेकिन अब ऊंट गाड़ी में सवार होकर सीमा की चौकसी कर सकेंगे ।
177 ऊंट हो चुके हैं सीमा पर तैनात
बीएसएफ में बीकानेर सेक्टर के महानिरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि सीमा पर वाहन से चौकसी करते समय दुश्मन के सचेत होने की आशंका रहती है। रात के समय वाहन की रोशनी और आवाज से घुसपैठिये, तस्कर और दुश्मन जवान सावधान हो जाते हैं। ऊंट गाड़ी से पेट्रोलिंग का लाभ यह होगा कि इसकी आवाज नहीं होती है। ऐसे में दुश्मन सावधान नही हो सकेगा। उन्होंने बताया कि 177 ऊंट खरीद कर सीमा पर तैनात कर दिए हैं। अभी और ऊंट खरीदे जाएंगे । साथ ही ऊंट गाड़ियों का उपयोग भी सीमा पर चौकसी के लिए किया जाएगा। रेगिस्तान में ऊंट गाड़ी हथियार लेकर घूमने में काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। सीमा पर 537 ऊंट चौकसी के काम आ रहे हैं।