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बीकानेर, वेटरनरी विश्वविद्यालय के पशुविज्ञान केन्द्र, रामसीन (जालौर) के नवनिर्मित भवन का बुधवार को ऑनलाईन लोकार्पण कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री श्री लालचन्द कटारिया द्वारा किया गया। इस अवसर पर मंत्री महोदय ने विश्वविद्यालय व राज्य के पशुपालकों को बधाई देते हुए कहा कि राजस्थान पशुधन बाहुल्य प्रदेश है पशुपालन पशुपालकों की आजीविका का मुख्य आधार है। जलवायु की विषम परिस्थितियाँ में पशुपालन ही किसानों की आर्थिक स्वावलम्बन का प्रमुख आधार है। उन्होंने पशुपालकों हितार्थ राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं पशुधन निशुल्क अरोग्य योजना, मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजनाओं आदि का लाभ उठाने हेतु अनुरोध किया। मंत्री महोदय ने लम्पी रोग से मृत्यु पर पशुपालकों को 40,000 की आर्थिक सहायता तथा 1439 ग्राम पंचायतों में पशुचिकित्सा उपकेन्द्र खोले जाने की बात कही। उन्होंने ने कहा कि विश्वविद्यालय शोध एवं प्रसार के क्षैत्र में अग्रणी कार्य कर रहा है इस नवीन पशुविज्ञान केन्द्र के खुल जाने से जिले के पशुपालकों को नवीन तकनीकों के हस्तान्तरण, प्रशिक्षण एवं पशुरोग निदान सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने विश्वविद्यालय की प्रसार गतिविधियों विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम, रोग निदान सेवाए, टोल फ्री हेल्प लाईन सर्विस, गोबर-गोमूत्र प्रसंस्करण आदि के बारे में जानकारी प्रदान की। प्रो. गर्ग ने कहा विश्वविद्यालय के अन्तर्गत 17 पशुविज्ञान केन्द्र संचालित किए जा रहे है। कुलपति प्रो. गर्ग ने कहा कि पशु विज्ञान केन्द्रों एवं विश्वविद्यालय में अन्य इकाईयों द्वारा पशुपालकों का कौशल विकास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय गांव-ढाणी तक बैठे पशुपालकों हेतु नवीन तकनीकों के हस्तातरण, प्रशिक्षण, सलाहकारी एवं रोग निदान सेवाएं उपलब्ध करवा रहा है। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो राजेश कुमार धूड़िया ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया एवं कार्यक्रम के अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान “पशुपालन नये आयाम” त्रैमासिक पुस्तिका के नवीन अंक का डिजीटल विमोचन भी किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान कुलसचिव बिन्दु खत्री, वित्त नियन्त्रक बी.एल. सर्वा सहित विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर मौजूद रहे। पशु विज्ञान केन्द्र जालौर के कार्यकारी प्रभारी डॉ. राजेश सिघांटिया व बड़ी संख्या में केन्द्र पर पशुपालक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण राजुवास फेसबुक पेज पर किया गया।

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