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बीकानेर, सखा संगम बीकानेर द्वारा शिक्षाविद भगवानदास पड़िहार के व्यक्तित्व-कृतित्व पर चर्चा करते हुए उनका अभिनन्दन किया गया । सखा संगम के अध्यक्ष एन डी रँगा ने कहा कि मास्टरजी गरीब-असहाय बच्चों के हितैषी रहे हैं । इन्होनें अपने घर पर बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देकर युवाओं को प्रतिभाशाली बनाया । सखा संगम के समन्वयक शिक्षाविद चन्द्रशेखर जोशी ने कहा कि अपने समय के कुशल शिक्षक भगवानदास पड़िहार सहज सरल व्यक्तित्व के धनी हैं। पड़िहार से पढ़े हुए छात्रों ने सदैव उच्च श्रेणी के अंक अर्जित किये। शिक्षा से सामाजिकता की ओर विनम्र स्वभाव सौहार्द का परिवेश निर्मित करता है। विद्यालय विद्या के मंदिर हैं और बच्चे भगवान है यही सोच श्री पड़िहार के प्रति अनुराग उत्प्रेरित करता है। कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने उनकी विनम्रता पूर्वक की गई सामाजिक सेवाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पड़िहार साहब गणित के कुशल ज्ञाता थे । बृजगोपाल जोशी ने कहा कि भगवानदास मास्टरजी सरल एवम् सौम्य स्वभाव के धनी हैं, इनका अनुसरण करते हुए जीवन में हम ऊंचाई को प्राप्त कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में समाजसेवी खुमराज पंवार, आशाराम गहलोत, नागेश्वर जोशी ने भी अपने विचार प्रकट किए । सखा संगम ने मालाऐं, शॉल, श्रीफल अर्पित कर अभिनन्दन किया। अपने सम्मान से अभिभूत पड़िहार ने कहा कि समरसता से किया कार्य व्यक्तित्व विकास को ऊंचाइयां प्रदान करता है । जीवन के 78 बसन्त पार करने के बाद भी मुझे आमजन से आत्मियता के साथ बहुत सम्मान मिल रहा है जो मेरी कल्पना से भी अधिक है । सभी के प्रति आभार अशोक पड़िहार ने ज्ञापित किया ।

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