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बीकानेर,जिले में अपराध पर अंकुश लगाने में पुलिस के मददगार बन रहे हैं पुलिस मित्र,ग्राम रक्षक एवं महिला सखी। इन तीनों के अलावा सीएलजी सदस्य कानून व्यवस्था को बनाने में महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो रहे हैं।
यह लोग बीकानेर संभाग में पुलिस की संख्या के लगभग बराबर ही काम कर रहे है। खास बात यह है कि पुलिस मित्र और ग्राम रक्षक बिना वेतन पुलिस की मदद कर रहे हैं।
नोखा व महाजन में पकड़वाए डकैत
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पुलिस मित्र और ग्राम रक्षकों की बदौलत पिछले साल नोखा व महाजन में डकैती की योजना बना रहे बदमाशों को पकड़ा गया। वहीं बीछवाल पुलिस ने रोहित गोदारा गैंग के गुर्गों को दबोचा।
पुलिस मित्रों की सूचना पर ही देश की सबसे बड़ी नकली नोट संबंधी कार्रवाई हुई, जिसमें करीब तीन करोड़ रुपए जब्त किए गए थे।
बिन वेतन कर रहे सेवा
पुलिस मित्र और ग्राम रक्षक पुलिस के सबसे बेहतर गुप्त हथियार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इनकी मदद से बेहतर पुलिसिंग की जा सकती है, बशर्ते इनको सुरक्षा प्रदान की जाए। अभी यह खुलकर काम नहीं कर पा रहे हैं।
पुलिस भले ही थोड़ा मानदेय दे, लेकिन इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए पारितोषिक देती रहे, तो नतीजे और बेहतर हो सकते हैं। वर्तमान में मित्र व रक्षक बिना वेतन पुलिस की मदद कर रहे हैं।

पुलिस बल से ज्यादा मददगार
बीकानेर रेंज में सीएलजी सदस्य 12573, ग्राम रक्षक 3755, पुलिस मित्र 5119 एवं सुरक्षा सखी 2389 हैं। जबकि वर्तमान में बीकानेर रेंज में पुलिस बल 5689 ही हैं। ऐसे में बीकानेर रेंज में पुलिस बल से ज्यादा इन मददगारों की संख्या है।
एक नजर पुलिस और मददगार
– जिला – पुलिस – सीएलजी – पुलिस मित्र – ग्राम रक्षक – सुरक्षा सखी
– बीकानेर – 1864 – 4406 – 595 – 541 – 715
श्रीगंगानगर – 1716 – 3995 – 1498 – 789 – 512
– हनुमानगढ़ – 994 – 1344 – 806 – 2967 – 704
– चूरू – 1115 – 2828 – 856 – 722 – 458
सच्चे सिपहसालार हैं ये

बीकानेर रेंज में 3755 ग्राम रक्षक और 5119 पुलिस मित्र हैं, जो पुलिस को कानून-व्यवस्था बनाने में सहयोग करते हैं। इनकी प्रारंभिक सूचना के साथ पुलिस अलर्ट हो जाती है। इनकी सूचना पर पुलिस ने कई बड़ी वारदातों को होने से टाला है।

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