बीकानेर,जीवन और समय पर्यायवाची शब्द हैं. समय नष्ट यानि जीवन नष्ट. जीवन की अवधि की गणना, समय में होती है. ये विचार *मैनेजमेंट ट्रेनर डॉ. गौरव बिस्सा* ने जय नारायण व्यास कॉलोनी स्थित आरएसवी शिक्षण समूह द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला *“ड्रीम, डेवलप, डू”* के समापन सत्र में बतौर मुख्य वक्ता और ट्रेनर व्यक्त किये. डॉ. बिस्सा ने टाइम मैनेजमेंट की महत्ता बताते हुए कहा कि समय का सदुपयोग नहीं करने वाला व्यक्ति एक जीवित लाश के अतिरिक्त कुछ भी नहीं हैं. विद्यार्थी यदि आज समय को नष्ट करते हैं तो कल समय उन्हें नष्ट कर देगा. कार्यशाला में डॉ. बिस्सा ने अनेकानेक प्रयोगों और मैनेजमेंट गेम्स के ज़रिये विद्यार्थियों को बॉडी लैंग्वेज और परिधानों की महत्ता, क्रिकेटर की जीवंत एक्सरसाइज़ से पॉजिटिव रहने की कला, और सेल्फ डेवलपमेंट के टिप्स दिए. डॉ. बिस्सा ने विद्यार्थियों को कर्मठ रहने की प्रेरणा देते हुए कहा कि “एके साधे सब सधे” के आदर्श के स्थान पर “कम समय में बहुत ज़्यादा मिले” आदर्श बन गया है और इसी कारण विद्यार्थी लक्ष्य तक नहीं पहुँच पा रहे. आउट ऑफ़ द बॉक्स चिंतन को समझाते हुए बिस्सा ने कहा कि नई सोच और क्रियेटिविटी डिग्रियों की या फॉर्मल नॉलेज की मोहताज़ नहीं होती.
संस्था के *सीएमडी सुभाष स्वामी* ने कहा कि व्यक्ति बड़े कामों से नहीं अपितु अपनी छोटी छोटी बातों से विराट व्यक्तित्व बनता है. स्वामी ने बताया कि आज ही अपनी स्ट्रेंथ और कमज़ोरी का एसेसमेंट कर पर्सनल मास्ट्री की ओर बढ़ें और सजगता से रोज़ कुछ नया पढ़ें और सीखें. स्वामी ने वास्तविक पर्सनल एक्सिलेंस को समझाते हुए बताया कि हमने खुद को नित्य प्रति सुधारते हुए अपने लक्ष्य की ओर इतनी शिद्दत के साथ बढ़ते रहना चाहिए ताकि अन्यों के कार्य – कलापों का वृथा विश्लेषण करने का समय ही न बचे.
कार्यक्रम *संयोजक नीरज श्रीवास्तव* ने कार्यशाला की सम्पूर्ण रिपोर्ट और विद्यार्थियों के फीडबैक का विवरण प्रस्तुत किया. संचालन और आभार ज्ञापन वरिष्ठ सदस्य *ऋतु शर्मा* ने किया.
_*मेहनत साकार, मिला पुरस्कार*_
विविध सह शैक्षणिक गतिविधियों में पुरस्कार विजेता विद्यार्थियों हेतु “टैलेंट फेलिसिटेशन सेरेमनी” का आयोजन किया गया जिसमें इंटर स्कूल कविता वाचन, गीत ,कहानी लेखन, स्टोरी टेलिंग, आदि क्षेत्रों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया.