बीकानेर/श्रीडॅूूंगरगढ। राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ की स्थापना के 60 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोज्य हीरक जयन्ती समारोह का आगाज रविवार को प्रातः 10 बजे श्रीडॅूंगरगढ के संस्कृति भवन में होगा। संस्थाध्यक्ष श्याम महर्षि ने बताया कि इस समारोह में जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति कर्नल प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत, संस्कृति विज्ञ डाॅ. डी.बी. क्षीरसागर, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के अतिरिक्त कुल सचिव डाॅ. बिट्ठल बिस्सा, प्रख्यात समाज सेवी भीखमचंद पुगलिया, साहित्यकार-समालोचक मालचंद तिवाड़ी सहित देश-प्रदेश के 100 से अधिक विद्वान शिरकत करेंगे। संस्था के मंत्री रवि पुरोहित ने आयोजन की रूपरेखा साझा करते हुए कहा कि इस महत्त्वपूर्ण आयोजन में साहित्य, संस्कृति, भाषा, कला, शिक्षा और इनके प्रचार-प्रसार व संरक्षण-अनुरक्षण में सहयोग करने वाले साथियों को समादृत किया जाएगा।
संस्था के उपाध्यक्ष बजरंग शर्मा ने कहा कि विगत 61 वर्षों में भाषा, साहित्य, संस्कृति, कला, इतिहास, प्रकाशन, शोध एवं सर्वेक्षण के क्षेत्र में किये गये कार्यो और अवदान से ही सामाजिक सरोकारों के क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं में अग्रणी है। साहित्य अकादमी, दिल्ली, राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, राजस्थान से मान्यता प्राप्त एवं सम्बद्ध इस संस्थान ही नहीं, अपितु समूचे साहित्यिक-सांस्कृतिक समाज के लिए यह गौरव का अवसर है। संस्था उक्त संस्थानों के अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय, संस्कृति विभाग, जवाहर कला केन्द्र, संगीत नाटक अकादमी, पश्चिमी सांस्कृतिक केन्द्र, आईसीएचआर, दिल्ली सहित अनेक सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों के संयुक्त तत्वावधान में निरन्तर आयोजन कर हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा के लोक जुड़ाव के उपक्रम के साथ नई पीढी को इन विषयों से परिचित करवाती रही है। संस्था के प्रकाशन केन्द्र से 70 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है और राजस्थानी भाषा की सबसे पुरानी पत्रिका राजस्थली का 47 वर्षो से प्रकाशन तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से स्वीकृत द्विभाषी शोध पत्रिका ‘जूनी ख्यात’ का 27 वर्षो से निरन्तर प्रकाशन भी संस्था को गौरवान्वित करता रहा है।