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बीकानेर जिले की नोखा विधानसभा सीट हमेशा से ही विवाद के घेरे में रही। यहां से कन्हैया लाल झंवर, रामेश्वर डूडी और बिहारी लाल विश्नोई सक्रिय राजनीति में है। पिछली बार डूडी ने कांग्रेस से जीत हासिल करने और शहरी वोटों पर सेंध लगाने व झंवर् से त्रिकोणीय चुनाव संघर्ष से बचने के लिए बीकानेर पूर्व से कांग्रेस की कन्हैया लाल झंवर को टिकट दिलाई। इस चुनाव में डूडी और झवर की यह व्यूह रचना विफल हो गई। दोनों चुनाव हार गए। बिहारी विश्नोई भाजपा से चुनाव जीते। नोखा विधानसभा क्षेत्र से 2023 के चुनाव के लिए राजस्थान की दो सौ सीटों में सबसे पहले पूर्व संसदीय सचिव कन्हैया लाल झंवर ने नोखा विधानसभा क्षेत्र में अभी से घर घर जाकर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। कांग्रेस से इस सीट से पूर्व विधायक रामेश्वर डूडी दावेदार है। डूडी ने भी नोखा विधानसभा में सक्रियता दिखाई है। डूडी जसरासर में किसान सम्मेलन आयोजित कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सम्मेलन में बुलाने के प्रयास में लगे है। डूडी और गहलोत के बीच राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनने के समय से ही तकरार के संबद्ध रहे। क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव का एपिसोड तनातनी की पराकाष्ठा रही थी। डूडी सचिन पायलट ग्रुप के माने जाते हैं। राजस्थान में कांग्रेस सरकार के संकट काल में भी डूडी की सक्रियता रही। डूडी कभी राजस्थान में जाट नेता के रूप में उभरे। गहलोत ने दूसरे जाट नेताओं को आगे बढ़ाकर रामेश्वर डूडी की अहमियत कम कर दी। अब चूंकि चुनाव नजदीक है डूडी फिर से नोखा से चुनाव लडने की तैयारी में है तो मुख्यमंत्री की सभा करवाकर कांग्रेस वोटर्स को विश्वास में लेने की कवायद में लगे है। इस बीच नोखा में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में डूडी ने मंचस्थ भाजपा के पूर्व संसदीय सचिव डा विश्वनाथ की प्रशंसा कर उनके प्रतिद्वंद्वी कैबिनेट मंत्री गोविंद मेघवाल के साथ पुरानी अदावत को नया घाव दे दिया है। मेघवाल ने इसकी शिकायत नेतृत्व से की है। नोखा से भाजपा विधायक बिहारी लाल विश्नोई अपनी सक्रियता और मेलमिलाप के चलते जनता के बीच है। विश्नोई समाज का समर्थन, भाजपा का केडर और विचारधारा के समर्थन के चलते उन्होंने नोखा विधानसभा सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखी है। नोखा में कन्हैया लाल झंवर के चुनाव प्रचार अभियान से अभी से स्थिति त्रिकोणीय संघर्ष की बन गई है। नोखा नगर पालिका क्षेत्र और ग्रामीण वोटो के बलबूते पर झंवर भाजपा के विश्नोई और कांग्रेस के डूडी (अगर पार्टी इनको टिकट देती है तो ) दोनों के सामने बड़ी चुनौती है।

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