बीकानेर,सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी को ज्ञापन दिया है।
संगठन अध्यक्ष डॉ. बी के गुप्ता ने बताया की चिकित्सक शिक्षकों की मांगे लंबे समय से राज्य सरकार द्वारा पूरी नहीं की जा रही है, इससे राजस्थान का समूचा चिकित्सक शिक्षक समुदाय क्षुब्ध है। इस संबंध में पांच वर्षों से लगातार ज्ञापन दिया गए किंतु राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई उचित निर्णय नहीं लिया गया है।
संगठन सचिव डॉ. विवेक सामौर ने बताया कि गत 3 अप्रेल को राजस्थान के समस्त राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सक शिक्षक संगठनो की ज्वाइंट एक्शन कमेटी की ऑनलाइन बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार राज्य सरकार को ज्ञापन दिया जा चुका है। गत 13 अप्रैल और 18 अप्रैल को स्मरण पत्र भी दिया जा चुका है लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
ज्ञापन देने गए प्रतिनिधि मंडल में संगठन अध्यक्ष डॉ. बी के गुप्ता, संगठन सचिव डॉ.विवेक सामौर ,डॉ. विनोद छींपा, डॉ. सुरेंद्र बेनीवाल, डॉ.अजीत सिंह बेनीवाल, डॉ. इंद्र पूरी आदि उपस्थित रहे।
संगठन के स्टेट प्रतिनिधि डॉ. विनोद छींपा ने बताया की चिकित्सक शिक्षक हमेशा मरीजों के प्रति समर्पित रहे है, हाल ही में मुख्यमंत्री जी के व्यक्तव्य के अनुसार डॉक्टर्स के काली पट्टी बांध कर काम करने से ही सरकार उनकी मांगों पर विचार कर लेगी इसलिए डॉक्टर्स को कार्य बहिष्कार नहीं करना चाहिए।
अतः मुख्यमंत्री जी के उक्त वक्तव्य को ध्यान में रखते हुए 21 अप्रेल से एस पी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक शिक्षक काली पट्टी बांध कर कार्य करके अपनी मांगों के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे।
ज्ञापन में राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सर्विसेज का अलग से केडर के गठन, सीनियर प्रोफेसर के बाद एक अतिरिक्त प्रमोशन, वेतन विसंगति को दूर करने, हाईरिस्क अलाउंस, मासिक टेलीफोन अलाउंस शुरू करने, घर पर परामर्श शुल्क को बढ़ाने आदि मांगे प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक के मार्फत राज्य सरकार द्वारा की गई है।
*ज्वाइंट एक्शन कमेटी की प्रमुख मांगे निम्नलिखित है*
1. राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सर्विसेज का पृथक कैडर सृजन किया जाए | DG ME और निदेशक के पद पर वारिष्ठ चिकित्सक शिक्षक को लगाया जाये।
2. सीनियर प्रोफेसर के बाद एक और प्रमोशन Higher Administrative Grade पद (ग्रेड पे 12500) का सृजन किया जाए।
3. प्रमोशन एनएमसी गाइडलाइंस के अनुसार होने चाहिए। (ब्रॉड स्पेशियलिटी में 4, 3, 4 साल और सुपर स्पेशियलिटी में 2,3,4 साल)
4. सातवे वेतन आयोग में pay fixation में NPA लेने और नहीं लेने वाले समकक्ष
चिकित्सक शिक्षकों के बीच मूल वेतन में उत्पन्न हुई विसंगति को pay stepping से दूर किया जाये।
5.2014 से 2018 के बीच DACP प्रमोशन के प्रभावी दिनांक देय भुगतान दिया जाये।
6. एकेडमिक एलाउंस रिवीजन किया जाए। (मिनिमम 10% ऑफ बेसिक पे अथवा DA से अटैच किया जाए)
7. हाई रिस्क एलाउंस शुरू किया जाए और मासिक टेलीफोन राशि शुरू की जाये 8. परामर्श शुल्क को बढ़ाया जाए। (सहायक आचार्य 200/, सह आचार्य 300, आचार्य 400/, वरिष्ठ आचार्य 500/) एक बार बढ़ाने के बाद इसको DA से अटैच किया जाए या सालाना 10% की वृद्धि की जाए।
9. एमएमसी निरीक्षण के लिए होने वाले ट्रांसफर बंद किए जाए एवम विदेश यात्रा की अनुमति प्रधानाचार्य कार्यालय से ही प्रदान की जावे ।
10. RPSC से चयनित सभी वरिष्ठ प्रदर्शक जो की NMC गाइडलाइन अनुसार सहायक आचार्य पद की योग्यता रखते हो को एक साथ नवीन पद सृजित कर सहायक आचार्य की पदोन्नति देने का श्रम करें और बाकी को ग्रेड पे दी जाए।