










बीकानेर,शहर में बुधवार को प्रवास के दौरान स्थानीय क्षत्रिय सभा का एक प्रतिनिधि मंडल सभा के अध्यक्ष करणप्रतापसिंह सिसोदिया के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया से मिला, यह मुलाकात लालगढ पैलेस के शिव विलास में राजे से एकांत में हुई।
क्षत्रिय सभा के प्रवक्ता डूंगरसिंह तेहनदेसर एवं भंवरसिंह किलचु ने बताया कि राजस्थान सरकार ने बजट सत्र 2023-2024 में राजस्थान पशु चिकित्सालय एवं पशु विज्ञान विश्विद्यालय राजुवास का नामकरण गुरु जम्भेश्वर के नाम से किया है जो कि उनके बताए 29 नियमों के विरुद्ध है, हिंसात्मक है।
तर्क दिया गया है कि विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में इमू, मुर्गी, बतख, अंडे इत्यादि का विक्रय किया जाता है जिनका उपयोग मांसाहार के लिए किया जाता है अतः गुरु जम्भेश्वर भगवान की मूल भावना उनके नाम को चोट पहुंचती नजर आती है जो कि धार्मिक एवं नैतिक लिहाज से भी ठीक नहीं है।
क्षत्रिय सभा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अवगत करवाया की सन 1954 में तत्कालीन पूर्व राजपरिवार से पूर्व राजा डॉ करणी सिंह ने देश के 10 वें पशु विज्ञान विश्विद्यालय के लिए विजय भवन की पूर्ण भूमि, विजय भवन महल, ग्राम बीछवाल की रोही के खेत का खसरा न 06 में तादादी 862 बीघा 18 बिसवा कच्ची महलायत लालगढ़ की भूमि पशु विज्ञान विश्विद्यालय के लिए राजस्थान सरकार को उपलब्ध करवाई गई थी।
इसके पीछे साफ साफ मांग थी कि उक्त सम्पूर्ण परिक्षेत्र का नाम प्रिंस बिजयसिंह के नाम से रखा जाए ताकि सदियों तक आने वाली पीढियां उनके नाम की कीर्ति से वाकिफ हो सके, इसके अलावा प्रिंस बिजयसिंह का देहांत भी इसी विजय भवन में हुआ जिसमें पशु विश्विद्यालय चल रहा है।
पूर्व में बीकानेर की जनता ने इकट्ठी होकर महाराजा गंगासिंह के ट्रस्ट के माध्यम से यहां पर प्रिंस बिजयसिंह की प्रतिमा भी स्थापित की थी, ताकि हमेशा लग सके कि यह विश्विद्यालय एवं परिक्षेत्र में पूर्व राजपरिवार बीकानेर का हमेशा योगदान रहा है।
बीते कई वर्षों से महाराज गंगासिंह ट्रस्ट के माध्यम से राजुवास के लिए उपकरणों, विकास आदि कार्यों पर पूर्व परिवार की तरफ से बड़ी राशियां भी दी गई है।
क्षत्रिय सभा ने अपने साथ करीब 45 सामाजिक एव जनसंगठनों के मांगपत्र पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सौंपे की जिनकी मांग है कि राज परिवार द्वारा पल्ल्वित, पोषित इस विश्विद्यालय का नामकरण प्रिंस बिजयसिंह के नाम से किया जाना जनहित में रहेगा।
डूंगरसिंह तेहनदेसर ने बताया कि सन 2020 एवं उसके पहले से भी महाराज गंगासिंह ट्रस्ट ने राजुवास विश्विद्यालय का नामकरण प्रिंस बिजयसिंह के नाम से करने के लिए कई पत्र मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मंत्री बी डी कल्ला, मंत्री भंवरसिंह भाटी, सम्भागीय आयुक्त बीकानेर, जिला कलक्टर बीकानेर को भी लिखें है।
वसुंधरा राजे सिंधिया को क्षत्रिय सभा द्वारा उक्त गम्भीर प्रकरण से अवगत करवाने के दौरान बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी, पूर्व मंत्री राजपालसिंह शेखावत एवं कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
राजे से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में श्री करणी राजपूत विश्राम गृह व्यवस्थापक गिरधारी सिंह खिंदासर, जगमाल सिंह पायली, विक्रम सिंह बीका, स्वरूपसिंह नारणोत, दिलीप सिंह जोधा सहित कई लोग सम्मिलित रहे।
